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26-04-2025

यूएस मार्केट्स के लिए आईफोन का पूरा प्रॉडक्शन भारत शिफ्ट करेगी एपल

  •  एपल अगले साल तक अमेरिकी मार्केट्स में बिकने वाले आईफोन्स की पूरी शिपमेंट भारत से ही भेजने के प्लान पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनी अपने कुछ प्रॉडक्ट्स का बेस चीन से भारत शिफ्ट करना चाहती है। एपल दरअसल अपनी सप्लाई चेन को चीन से शिफ्ट करने की स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है और इसके लिए कंपनी भारत में बड़ा इंवेस्टमेंट कर चुकी है। इंटरनेशनल मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि एपल इस प्लान को लागू करती है तो 2026 तक भारत में आईफोन का प्रॉडक्शन दोगुना होकर सालाना 6 करोड़ से अधिक तक पहुंच सकता है। एपल की चिंता यह है कि एक ओर जहां चीन का मार्केट उसके हाथ से फिसल रहा है वहीं अमेरिका उसका सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। वर्ष 2024 में आईफोन से ग्लोबल शिपमेंट्स में अमेरिका का शेयर 28 परसेंट था। एपल का मानना है कि अमेरिकी मार्केट के लिए आईफोन असेंबली को चीन से शिफ्ट करने से वह भारी टैरिफ से बच सकती है साथ ही अमेरिका और चीन से जुड़े भू-राजनीतिक जोखिम को भी कम कर सकती है। हालांकि फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स को ट्रंप टैरिफ ने छूट दे दी है लेकिन यह राहत फौरी लगती है। वित्त वर्ष 25 में एपल ने भारत से 22 बिलियन डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए थे जो वित्त वर्ष 24 के मुकाबले 60 परसेंट ज्यादा है। आईफोन के कुल ग्लोबल शिपमेंट में अब भारत का शेयर 20 परसेंट हो गया है। ट्रंप टैरिफ के कारण एपल का मार्केट कैप 700 बिलियन डॉलर घट गया है। हालांकि एपल ने असेंबली लाइन भारत में शिफ्ट कर ली हैं लेकिन कंपोनेंट्स के लिए अभी भी यह चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है। एनेलिस्ट कहते हैं कि कंपनी को पूरी सप्लाई चेन को शिफ्ट करने में सालों लग सकते हैं। रिपोर्ट कहती है कि केवल 10 परसेंट सप्लाई चेन को शिफ्ट करने में ही 8 साल लगेंगे। आप जानते हैं ट्रंप टैरिफ से पहले केवल तीन दिन में एपल ने भारत से 3 कार्गो प्लेन में तीन दिन में ही 15 लाख आईफोन अमेरिका पहुंचा दिए थे। 

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यूएस मार्केट्स के लिए आईफोन का पूरा प्रॉडक्शन भारत शिफ्ट करेगी एपल

 एपल अगले साल तक अमेरिकी मार्केट्स में बिकने वाले आईफोन्स की पूरी शिपमेंट भारत से ही भेजने के प्लान पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनी अपने कुछ प्रॉडक्ट्स का बेस चीन से भारत शिफ्ट करना चाहती है। एपल दरअसल अपनी सप्लाई चेन को चीन से शिफ्ट करने की स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है और इसके लिए कंपनी भारत में बड़ा इंवेस्टमेंट कर चुकी है। इंटरनेशनल मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि एपल इस प्लान को लागू करती है तो 2026 तक भारत में आईफोन का प्रॉडक्शन दोगुना होकर सालाना 6 करोड़ से अधिक तक पहुंच सकता है। एपल की चिंता यह है कि एक ओर जहां चीन का मार्केट उसके हाथ से फिसल रहा है वहीं अमेरिका उसका सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। वर्ष 2024 में आईफोन से ग्लोबल शिपमेंट्स में अमेरिका का शेयर 28 परसेंट था। एपल का मानना है कि अमेरिकी मार्केट के लिए आईफोन असेंबली को चीन से शिफ्ट करने से वह भारी टैरिफ से बच सकती है साथ ही अमेरिका और चीन से जुड़े भू-राजनीतिक जोखिम को भी कम कर सकती है। हालांकि फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स को ट्रंप टैरिफ ने छूट दे दी है लेकिन यह राहत फौरी लगती है। वित्त वर्ष 25 में एपल ने भारत से 22 बिलियन डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए थे जो वित्त वर्ष 24 के मुकाबले 60 परसेंट ज्यादा है। आईफोन के कुल ग्लोबल शिपमेंट में अब भारत का शेयर 20 परसेंट हो गया है। ट्रंप टैरिफ के कारण एपल का मार्केट कैप 700 बिलियन डॉलर घट गया है। हालांकि एपल ने असेंबली लाइन भारत में शिफ्ट कर ली हैं लेकिन कंपोनेंट्स के लिए अभी भी यह चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है। एनेलिस्ट कहते हैं कि कंपनी को पूरी सप्लाई चेन को शिफ्ट करने में सालों लग सकते हैं। रिपोर्ट कहती है कि केवल 10 परसेंट सप्लाई चेन को शिफ्ट करने में ही 8 साल लगेंगे। आप जानते हैं ट्रंप टैरिफ से पहले केवल तीन दिन में एपल ने भारत से 3 कार्गो प्लेन में तीन दिन में ही 15 लाख आईफोन अमेरिका पहुंचा दिए थे। 


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