येल यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप द्वारा भारत और दक्षिण कोरिया जैसे सहयोगी देशों पर लगाए गए हाई टैरिफ बैकफायर करेंगे और इससे अमेरिकी परिवारों का खर्च बढ़ेगा और जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती आएगी। रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप टैरिफ से अमेरिकी परिवारों पर शॉर्ट टर्म में साल में औसत $2,400 डॉलर का एक्स्ट्रा बोझ पड़ेगा। टैरिफ बढऩे से रोजमर्रा के आइटम महंगे हो जाएंगे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस बार भी इंटरेस्ट रेट्स में कोई कटौती नहीं करने से साथ है कि महंगाई कम करना उसके एजेंडा में हीं है. ट्रंप टैरिफ के कारण प्रभावित उत्पादों पर औसत प्रभावी टैरिफ रेट 18.4 परसेंट रही जो 1930 के दशक के बाद अमेरिका में सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि अमीर परिवारों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा लेकिन गरीबों पर इसका असर आय के अनुपात में कहीं अधिक होगा। कम आय वाले परिवारों पर ट्रंप टैरिफ के कारण औसत 1,300 डॉलर का बोझ पढ़ेगा जो हायर इनकम ग्रुप से तीन गुना है। जबकि अमीर परिवारों को लगभग $5 हजार डॉलर का नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, जूते और हैंडबैग जैसे चमड़े के सामान की कीमतें 40 परसेंट तक , जबकि कपड़ों की कीमतें 38 परसेंट तक बढ़ सकती हैं। कपड़ा उत्पादों की कीमतों में 19 परसेंट तक वृद्धि हो सकती है। खाद्य वस्तुओं की कीमत 3.4 परसेंट, विशेष रूप से ताजा फल-सब्जियों की कीमतों में 7 परसेंट तक की बढ़ोतरी हो सकती है। नई कार के लिए 12.3 परसेंट अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है यानी नई गाड़ी पर औसतन $5,900 डॉलर महंगी हो जाएगी।