रियल एस्टेट मार्केट में रियल गेम चल रहा है। फॉरेन इंवेस्टर हाथ खींच रहे हैं। अनसोल्ड घरों की इंवेट्री बढ़े जा रही है। प्राइस बढ़ रही है और डवलपर एक करोड़ के प्राइस बैंड को मेनस्ट्रीम कर चुके हैं। लेटेस्ट डेटा कहता है कि वर्ष 25 की जनवरी-जून की छमाही में 1 करोड़ और उससे महंगे घरों का कुल सेल्स में शेयर लगभग आधा (49 परसेंट) परसेंट तक पहुंच गया। नाइट फ्रेंक इंडिया की लेटेस्ट रिपोर्ट कहती है कि पहली छमाही में 1 करोड़ से ज्यादा प्राइस वाले कुल 83,433 घर बिके। इस मामले में बेंगलुरु अव्वल रहा और उसके बाद दिल्ली-एनसीआर और मुंबई का स्थान रहा। पहली छमाही के दौरान 1 करोड़ से अधिक प्राइस वाले घरों की सेल्स में 17 परसेंट की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की गई। हालांकि एक रिपोर्ट कहती हैं कि इस सैगमेंट में अनसोल्ड घरों का स्टॉक भी बढ़ रहा है। पहली छमाही में 1-5 करोड़ रुपये प्राइस रेंज वाले घरों की कुल 75042 यूनिट्स बिकीं और इनका कुल सेल्स में 44 परसेंट शेयर था। मुंबई ने इस अवधि में कुल सेल्स के लिहाज से सात में से पांच प्राइस कैटेगरी टॉप किया। दिल्ली-एनसीआर अब देश का नया अल्ट्रा-लक्जरी हाउसिंग हब बनता जा रहा है। एनेलिस्ट कहते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में 1 करोड़ से ज्यादा प्राइस वाले घरों की कुल 21,800 यूनिट्स बिकीं और कुल सेल्स में इनका शेयर 81 परसेंट रहा। दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा ग्रोथ गुरुग्राम और नोइडा-ग्रेटर नोइडा में दर्ज की गई जहां सप्लाई भी सबसे अधिक है। विशेषरूप से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो कनेक्टिविटी में सुधार, जेवर एयरपोर्ट आदि के कारण नोइडा-ग्रेटरनोइडा में रियल बायर की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। टॉप आठ शहरों में पहली छमाही में कुल 1,70,201 घर बिके और पिछले साल की इसी छमाही में हुई सेल्स के मुकाबले डिमांड फ्लेट रही। रिपोर्ट कहती हैं कि एक करोड़ रुपये से कम प्राइस वाले घरों की सेल्स में भी ग्रोथ घट रही है। इस प्राइस सैगमेंट में भी मुंबई टॉप पर रहा जहां पहली छमाही में एक करोड़ रुपये से कम प्राइस वाले 30,333 घर बिके। इसके बाद 18083 यूनिट्स के बाद अहमदाबाद का नंबर रहा। पांच लाख घर अनसोल्ड: रिपोर्ट के अनुसार पहली छमाही में अनसोल्ड इन्वेंटरी 4 परसेंट बढक़र 5,05,377 यूनिट्स हो गई। लेकिन ओवरऑल क्वॉर्टर-टू-सेल अनुपात 5.8 क्वॉरटर्स पर स्थिर रहा। 2-5 करोड़ रुपये सेगमेंट का क्वॉर्टर-टू-सेल अनुपात 3.9 क्वॉरटर्स रहा, जबकि 20-50 करोड़ के अल्ट्रा-लक्जरी सेगमेंट का क्वॉर्टर-टू-सेल अनुपात 17.1 क्वॉरटर्स रहा, जिससे पता चलता है कि इस सेगमेंट में डिमांड अपेक्षाकृत कम है। वहीं 50 लाख से कम कीमत वाले घरों की बिक्री 18 परसेंट घटकर 37,796 यूनिट्स रही, और 2018 की तुलना में इसमें 43 परसेंट की गिरावट आई है। इस कैटेगरी में सप्लाई लगातार घट रही है। एच1 2025 में इस सेगमेंट में केवल 30,806 यूनिट्स लॉन्च हुए, जो इस सैगमेंट में हुई सेल्स के मुकाबले 23 परसेंट कम है। कुल नई लॉन्चिंग पहली छमाही में 2 परसेंट घटकर 1,79,740 यूनिट्स रहीं।

