मानसून सीजन चालू होने के कारण सौंठ की आवक तुलनात्मक रूप से नीची हो रही है। इसकी वजह से इसमे रुक-रुककर तेजी का रुख बना हुआ है। हालांकि सौंठ का उठाव सुस्त बना हुआ है लेकिन तापमान में आई कमी की वजह से समर्थन मिल सकता है। अत: आगामी दिनों में सौंठ घटने का डर नहीं दिख रहा है। मानसून सीजन पूरे देश में पहुंच गया है। देश के ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी वर्षा होने और लगभग आधे देश में बाढ़ आने की भी सूचनाएं आ रही हैं। इसकी वजह से यहां अदरक की आवक तुलनात्मक रूप से नीची हो रही है। यही वजह है कि यहां इसकी थोक कीमत में रुक-रुककर तेजी आती जा रही है। यहां अदरक की थोक कीमत 5-10 रुपए तेज होकर फिलहाल 50/60 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व इसमें 7-8 रुपए की मंदी आई थी। पूर्व में केरल की कोच्चि मंड़ी में सौंठ की थोक कीमत हाल ही में 10 रुपए तेज होकर फिलहाल क्वालिटीनुसार 240/260 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास बनी हुई थी। इससे पूर्व हाल ही में इसमें 15-25 रुपए की तेजी आई थी। बहरहाल, राजधानी दिल्ली स्थित थोक फल-सब्जी मंड़ी में इन दिनों बंगलौर और कर्नाटक से अदरक की आवक हो रही है। गौरतलब है कि बीते सीजन में अदरक की कीमत तेज होती हुई 200-225 रुपए के रिकॉर्डतोड़ स्तर पर जा पहुंची थी। कीमत उम्मीद से अधिक आकर्षक बनी होने के कारण किसानों ने अपनी अदरक की करीब सारी की सारी फसल बेच दी थी। आवक और उपलब्धता सामान्य से कमजोर होने के परिणामस्वरूप सौंठ बनाने के लिए अदरक मिल ही नहीं रही थी। यही वजह है कि उत्पादक राज्यों से अदरक और सौंठ की आवक तुलनात्मक से कमजोर ही बनी रही थी। इसके विपरीत इस बार देश में सौंठ क उत्पादन अच्छा हुआ है। उधर, केरल की कोच्चि मंड़ी में नई सौंठ की आवक का श्री गणेश होने के बाद से लेकर अभी तक कभी भी पर्याप्त दबाव नहीं बना है। गौरतलब है कि अदरक में तेजी का प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि नाइजीरिया में इस बार सौंठ का उत्पादन करीब 50 प्रतिशत लुढक़ने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। इधर, सौंठ सामान्य में हाल ही में 500 रुपए और मंदी होकर फिलहाल 22,500/23,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें इतनी ही मंदी आई थी। इसके अलावा ऐसी सूचनाएं भी आ रही हैं कि कालीमिर्च तथा सौंठ के निर्यातक और स्टॉकिस्ट भी कर्नाटक में स्टॉक कर रहे हैं। हालांकि केरल में नई सौंठ की आवक छुटपुट आवक चल रही है लेकिन इसकी कीमत ऊंची बोली जा रही है। सिलीगुड़ी आदि से आवक नगण्य होने से भी बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। अत: आगामी दिनों में सौंठ घटने का डर नहीं दिख रहा है।