बैडएस यानी दबंग। कोई दोराय नहीं कि अमेरिका, यूरोप और जापान के बाद चीन इक्कीसवीं सदी में ऑटो टेक का ग्लोबल गढ़ बन चुका है। ईवी और स्मार्ट कार का पूरा इकोसिस्टम चीन ने खुद अपने दम पर खड़ा कर असिस्टेड ड्राइविंग में भी बड़ी लीड ले चुका है। टार्गेट एक ही है टेक-सेवी ग्लोबल कस्टमर को टेक-इनोवेशन के जरिए चौंकाना। टेक-सेवी कस्टमर ई•ाी टार्गेट है क्योंकि यह प्रेज्यूडिस (पूर्वाग्रह) और लॉयल्टी के बजाय तार्किक रूप से सोचता है और यही चीन की ईवी कंपनियों के लिए जैकपॉट साबित हो रहा है। चीन की सरकार ने कहा है कि अटैक...बट विद कॉशन यानी हमला करो...तेज चलो लेकिन सावधानी के साथ। मार्च में शाओमी एसयू7 के हादसे में तीन लोगों की जान चली गई थी। गाड़ी के असिस्टेड सिस्टम से कंट्रोल ड्राइवर को सौंपने के कुछ सेकंड में ही एक्सीडेंट हो गया था। ऐसे में रेगुलेटर सेफ्टी पॉलिसी पर माथापच्ची कर रहे हैं। बीजिंग ने साफ चेतावनी दी है...मिससैलिंग नहीं। मिससैलिंग यानी गलत दावा या बढ़ा-चढ़ाकर बताना। मैसेज लाउड एंड क्लीयर है कि यूरोप और अमेरिका को मात देनी है। उसे पता है अमेरिका में ड्राइवरलैस कार कंपनियों की शिकायत के बावजूद सरकार ना तो टेस्टिंग पॉलिसी लागू कर पाई है और ना ही वेलिडेशन सिस्टम। अभी चीन सरकार ऐसे ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम को मंजूरी देती है तो कुछ स्थितियों में ऑटो स्टीयरिंग, ब्रेकिंग और एक्सेलेरेशन कर सकते हैं, लेकिन ड्राइवर कंट्रोल छोडक़र सो नहीं सकता, उसे हमेशा अलर्ट रहना पड़ता है। यहां तक कि कंपनियां विज्ञापनों में स्मार्ट या ऑटोनॉमस जैसे शब्दों का उपयोग नहीं कर सकतीं। बीजिंग का साफ मत है कि कंपनियां सतर्कता के साथ लेवल3 असिस्टेड-ड्राइविंग सिस्टम (अडैस) को फास्ट्रेक करें। लेवल1 में केवल क्रूज कंट्रोल होता है वहीं लेवल 5 में फुल ड्राइवरलैस कार। चीन 2026 में पहली लेवल 3 कार को ग्रीन फ्लेग देना चाहता है। चीनी कंपनियों ने हार्डवेयर लागत इतनी कम कर दी है कि लेवल2 फीचर्स फ्री या बहुत सस्ते में दिए जा रहे हैं। बीवाईडी अपना गॉड्स आई असिस्टेड-ड्राइविंग सॉफ्टवेयर सभी मॉडलों में फ्री दे रही है। रिसर्च एजेंसी कैनेलिस का अनुमान है कि 2025 में चीन में बिकी 60 परसेंट नई कारों में लेवल 2 सिस्टम होगा। लेवल 3 में चीन कानूनी जिम्मेदारी भी तय कर रहा है। अगर सिस्टम फेल हो और एक्सीडेंट हो जाए तो कंपनी जिम्मेदार होगी या कंपोनेंट वेंडर। अप्रैल में हुए शंघाई ऑटो शो में हुआवे ने दावा किया कि उसने 60 करोड़ किमी की सिमुलेशन टेस्टिंग पूरी कर ली है और उसका लेवल3 सिस्टम हाईवे के लिए तैयार है।