पाकिस्तानी माल ले जाने वाले जहाजों को भारत द्वारा अपने बंदरगाहों पर लंगर डालने से रोकने के कारण माल ढुलाई शुल्क और पारगमन समय में वृद्धि हुई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान से आने या एक्सपोर्ट होने वाले माल के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष इंपोर्ट या पारगमन पर दो मई, 2025 से प्रभावी व्यापक प्रतिबंध लगा दिया। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी इंपोर्टकों ने कहा कि भारतीय प्रतिबंध के कारण माल ढुलाई का समय और शुल्क बढ़ गया है। कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष जावेद बिलवानी ने कहा, भारत की इस कार्रवाई के कारण माल ढुलाई वाले बड़े जहाज पाकिस्तान नहीं आ रहे हैं, जिससे हमारे इंपोर्ट में 30 से 50 दिन की देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इंपोर्टक अब छोटे जहाजों (फीडर वेसल) पर निर्भर हैं, जिससे लागत बढ़ जाती है। एक्सपोर्टर्स ने भारत द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद माल ढुलाई और बीमा लागत में भी वृद्धि की सूचना दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट पर कुल मिलाकर प्रभाव न्यूनतम रहा है। कपड़ा क्षेत्र के एक्सपोर्टर आमिर अजीज ने कहा, एक्सपोर्ट पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है..., बीमा लागत में वृद्धि को छोडक़र। ढुलाई शुल्क में वृद्धि से पहले ही हो चुकी थी। पाकिस्तान के एक्सपोर्ट मूल्य संवर्धन के लिए आयातित कच्चे माल पर बहुत अधिक निर्भर हैं। सरकार विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए इंपोर्ट पर सख्त नियंत्रण बनाए रखती है, इसलिए आपूर्ति शृंखलाओं में किसी भी व्यवधान का व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक संबंध खराब हो गए, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान से आयातित सभी वस्तुओं पर इंपोर्ट शुल्क बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया। पाकिस्तान और भारत के बीच औपचारिक व्यापार संबंध 2019 से ही स्थिर बने हुए हैं और द्विपक्षीय व्यापार 2018 में 2.41 अरब डॉलर से घटकर 2024 में 1.2 अरब डॉलर रह गया है। भारत में पाकिस्तान का एक्सपोर्ट 2019 में 54.75 करोड़ डॉलर से घटकर 2024 के केवल 4,80,000 डॉलर रह गया है।