यूपी में साठी की बिजाई केवल 15 प्रतिशत हुई है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी बासमती चावल की मांग अच्छी चल रही है। विदेशों के नए सौदे लगातार होने लगे हैं, इस वजह से घरेलू निर्यातक चावल, राइस मिलों से लगातार खरीदने लगे हैं। उधर धान की मिलिंग हेतु यूपी हरियाणा की मिलों की प्रतिस्पर्धात्मक लिवाली चल रही है, जिसके चलते और बढक़र 1718 प्रजाति के सेला चावल 6400/6450 यूपी हरियाणा पंजाब में अलग-अलग राइस मिलों के बिक गए तथा इसी लाइन पर 400 रुपए और बढऩे के आसार बन गए हैं। खरीफ सीजन में धान का उत्पादन बंपर हुआ है, इसमें कोई दो राय नहीं है तथा पुराना स्टॉक भी ज्यादा बचा था, लेकिन यूपी उत्तरांचल में साठी धान की बिजाई इस बार 24-25 प्रतिशत ही रह जाने की खबर आ रही है, जिससे गर्मी में आने वाला बारीक चावल की उपलब्धि बहुत कम रहने वाली है। दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालात पूरी तरह खराब हो गई है, जिससे वहां से चावल का व्यापार ठप्प पड़ गया है। अधिक्तर बंदरगाह एवं एयरवेज सब नष्ट हो गए हैं। गौरतलब है कि 31 मार्च तक चावल का निर्यात कम होने से सीजन से अप्रैल तक चावल सेला में 23/24 रुपए प्रति किलो की थोक में रिकॉर्ड गिरावट नाजायज आ गई थी, अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिति अच्छी हो गई है तथा यूपी हरियाणा पंजाब राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में 1509 धान, 1718 एवं 1401 सहित सभी प्रजाति के स्टॉक निपट चुके हैं, अब धान एवं चावल की कमी से बेचू नहीं आ रहे हैं, दूसरी ओर हर भाव में राइस मिलर्स एवं निर्यातक धान तथा चावल की खरीद करने लगे हैं, जिससे बाजार निरंतर बढऩे लगा है। राइस मिलों एवं सोर्टर गोदामों में कामगारों की कमी हो जाने से बिके हुए माल की लोडिंग घट गई है, लेकिन सौदे काफी हो रहे हैं, जिससे बाजार लगातार तेज चल रहे है। अभी भी इन भावों में राइस मिलों को 250/300 रुपए का मीलिंग महंगा लग रहा है। घरेलू व निर्यात मांग से पिछले डेढ़ माह के अंतराल 1200/1300 रुपए बढ़ाकर 1718 सेला चावल 6700/6800 रुपए एवं इसका स्टीम 7100 रुपए तथा 1401 चावल स्टीम 7200/7400 रुपए बोलने लगे थे, लेकिन इसराइल एवं ईरान के युद्ध से बाजार पुन: 400/500 प्रति क्विंटल नीचे आ गए हैं। इसके अलावा पिछले माह से पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति बनने में करेक्शन के बाद पुन: छलांग लगा गया है। ताज-शरबती चावल में भी 600/700 रुपए की तेजी आ गई थी। धान में कोई भी स्टॉकिस्ट बेचू नहीं आ रहे हैं, जिस कारण मिलर्स अब घटाकर माल बेचने को इच्छुक नही हैं। इसी तरह चावल 1509 सेला के भाव भी पिछले महीने नीचे में 5650 रुपए देखने के बाद वर्तमान में 6000/6100 रुपए हो गए हैं। हरियाणा पंजाब की राइस मिलें दोपहर बाद से 100 रुपए प्रति क्विंटल और बढ़ाकर सभी बारीक चावल के भाव बोलने लगी हैं। जो धान करनाल कुरुक्षेत्र एवं तरावड़ी लाइन में 3000/3050 रुपए बिक गया था, उसके भाव 3200/3300 रुपए बोलने लगे हैं तथा कैथल टोहाना चीका सफीदों लाइन में 3150/3280 रुपए तक भाव बोलने लगे हैं। इधर यूपी के रुद्रपुर बरेली बहजोई काशीपुर टांडा की राइस मिलों में भी 3000/3050 से बढक़र 3260/3300 रुपए मिल पहुंच में धान की खरीद हुई है तथा कुछ कारोबारी भी स्टॉक के माल 100/150 रुपए और बढ़ाकर बोल रहे हैं। भारतीय चावल की अपेक्षा अन्य देशों से 250/300 रुपए तक ऊंचे पड़ते का मिल रहा है तथा पाकिस्तान की स्थिति ठीक नहीं है। आयातक देशों को अब सस्ता सेला व स्टीम चावल बासमती प्रजाति का मिलना मुश्किल हो गया है। ईरान पूरी तरह से खाली है। अत: 400/500 रुपए प्रति कुंतल जुलाई के प्रथम सप्ताह तक तेज हो जाएगा।