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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

10-07-2025

लक्जरी में ईवी की हाई ग्रोथ की सवारी

  •  भारत का पैसेंजर वेहीकल मार्केट 43 लाख यूनिट्स का है और करीब 55 हजार लक्जरी कार बिकती हैं। इस हिसाब से देखें तो कुल पीवी में लक्जरी सैगमेंट का शेयर 1.5 परसेंट भी नहीं है। जबकि मैच्यॉर ऑटो मार्केट्स में यह दस परसेंट से ज्यादा है। वर्ष 2023 में चीन की कुल पीवी सेल्स में लक्जरी कार का शेयर 21 परसेंट था। वर्ष 2018 में भारत में लक्जरी कार सेल्स 40 हजार यूनिट्स के लेवल के पार पहुंची थी और 50 हजार यूनिट्स के लेवल को पार करने के लिए इसे 2024 तक इंतजार करना पड़ा। हालांकि रिपोर्ट कहती है कि भारत का लक्जरी कार बाजार अब तेजी से ईवी की ओर झुक रहा है, और यह बदलाव देश के अन्य ऑटोमोबाइल सेगमेंट्स की तुलना में कहीं तेज है। वाहन पोर्टल के अनुसार लक्जरी सेगमेंट में ईवी शेयर वर्ष 2024 में जनवरी-मई में केवल 7 परसेंट था जो 2025 की इसी अवधि में बढक़र 11 परसेंट हो गया। भले ही लो बेस पर हो लेकिन इलेक्ट्रिक लक्जरी सेगमेंट में 66 परसेंट की तेज ग्रोथ हो रही है। लक्जरी कार्ट के अनुसार, 2025 में अब तक बेची गई लक्जरी सेकंड-हैंड कारों में से 19 परसेंट ईवी हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 5 परसेंट से भी कम था। इस तेज ग्रोथ का सबसे बड़ा कारण मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसे बड़े लक्जरी कार ब्रांड्स द्वारा लगातार नए ईवी मॉडल लॉन्च करना है। तमिलनाडु के राणीपेट में टाटा मोटर्स नया प्लांट बना रही है। इसमें जेएलआर के साथ ही टाटा मोटर्स के हाईएंड ईवी मॉडलों की भी मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी। यह यूके के बाहर जेएलआर का सबसे बड़ा प्लांट है और सालाना 30 हजार यूनिट्स की कैपेसिटी वाले इस प्लांट की शुरुआत वर्ष 2026 में होगी। टेस्ला भी भारत में अपने ईवी मॉडलों की लॉन्चिंग की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि टेस्ला के आने से लक्जरी में ईवी की मेनस्ट्रीमिंग करने में मदद मिलेगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा बाजार अब व्हाई ईवी से विच ईवी (क्यों ईवी से कौनसी ईवी) की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा मैं दो वर्ष से ईवी चला रहा हूं और मुझे आइस कार की कमी महसूस नहीं होती। लक्जरी सेगमेंट में ईवी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। अय्यर के अनुसार लक्जरी ईवी की सेल्स ग्रोथ में जीएसटी और रोड टैक्स में छूट का बड़ा योगदान है। लक्जरी सेगमेंट में ईवी कई बार उनके आइस समकक्षों से 4-5 परसेंट सस्ते पड़ते हैं। लक्जरी कार्ट के सीईओ हिमांशु आर्य के अनुसार अब ईवी को लेकर बायर में भरोसा बढ़ रहा है। लिमिटेड रेंज का चैलेंज भी अब पहले जितना नहीं रहा। बीते एक साल में बीएमडब्ल्यू का आईएक्स1 मॉडल 49 लाख की प्राइस पर लॉन्च होना बड़ा बदलाव साबित हुआ। लक्जरी ईवी की सेल्स जनवरी-मई 2024 के 1,223 यूनिट्स से बढक़र 2025 में 2,027 यूनिट्स हो गई। वहीं 2024 में पूरे साल लक्जरी कारों की सेल्स 51,406 यूनिट्स रही, जो 2023 के 48,000 यूनिट्स से अधिक थी। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि 2025 में यह आंकड़ा 60 हजार यूनिट्स तक पहुंच सकता है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने जनवरी-मई 2025 के बीच 1,020 बीएमडब्ल्यू और मिनी ईवी बेचे- जो साल-दर-साल 110 परसेंट की ग्रोथ है। अय्यर कहते हैं, मास मार्केट में आइस के मुकाबले ईवी के विकल्प कम हैं। भारत के केवल 30 परसेंट शोरूम में ही ईवी उपलब्ध हैं।

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लक्जरी में ईवी की हाई ग्रोथ की सवारी

 भारत का पैसेंजर वेहीकल मार्केट 43 लाख यूनिट्स का है और करीब 55 हजार लक्जरी कार बिकती हैं। इस हिसाब से देखें तो कुल पीवी में लक्जरी सैगमेंट का शेयर 1.5 परसेंट भी नहीं है। जबकि मैच्यॉर ऑटो मार्केट्स में यह दस परसेंट से ज्यादा है। वर्ष 2023 में चीन की कुल पीवी सेल्स में लक्जरी कार का शेयर 21 परसेंट था। वर्ष 2018 में भारत में लक्जरी कार सेल्स 40 हजार यूनिट्स के लेवल के पार पहुंची थी और 50 हजार यूनिट्स के लेवल को पार करने के लिए इसे 2024 तक इंतजार करना पड़ा। हालांकि रिपोर्ट कहती है कि भारत का लक्जरी कार बाजार अब तेजी से ईवी की ओर झुक रहा है, और यह बदलाव देश के अन्य ऑटोमोबाइल सेगमेंट्स की तुलना में कहीं तेज है। वाहन पोर्टल के अनुसार लक्जरी सेगमेंट में ईवी शेयर वर्ष 2024 में जनवरी-मई में केवल 7 परसेंट था जो 2025 की इसी अवधि में बढक़र 11 परसेंट हो गया। भले ही लो बेस पर हो लेकिन इलेक्ट्रिक लक्जरी सेगमेंट में 66 परसेंट की तेज ग्रोथ हो रही है। लक्जरी कार्ट के अनुसार, 2025 में अब तक बेची गई लक्जरी सेकंड-हैंड कारों में से 19 परसेंट ईवी हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 5 परसेंट से भी कम था। इस तेज ग्रोथ का सबसे बड़ा कारण मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसे बड़े लक्जरी कार ब्रांड्स द्वारा लगातार नए ईवी मॉडल लॉन्च करना है। तमिलनाडु के राणीपेट में टाटा मोटर्स नया प्लांट बना रही है। इसमें जेएलआर के साथ ही टाटा मोटर्स के हाईएंड ईवी मॉडलों की भी मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी। यह यूके के बाहर जेएलआर का सबसे बड़ा प्लांट है और सालाना 30 हजार यूनिट्स की कैपेसिटी वाले इस प्लांट की शुरुआत वर्ष 2026 में होगी। टेस्ला भी भारत में अपने ईवी मॉडलों की लॉन्चिंग की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि टेस्ला के आने से लक्जरी में ईवी की मेनस्ट्रीमिंग करने में मदद मिलेगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा बाजार अब व्हाई ईवी से विच ईवी (क्यों ईवी से कौनसी ईवी) की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा मैं दो वर्ष से ईवी चला रहा हूं और मुझे आइस कार की कमी महसूस नहीं होती। लक्जरी सेगमेंट में ईवी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। अय्यर के अनुसार लक्जरी ईवी की सेल्स ग्रोथ में जीएसटी और रोड टैक्स में छूट का बड़ा योगदान है। लक्जरी सेगमेंट में ईवी कई बार उनके आइस समकक्षों से 4-5 परसेंट सस्ते पड़ते हैं। लक्जरी कार्ट के सीईओ हिमांशु आर्य के अनुसार अब ईवी को लेकर बायर में भरोसा बढ़ रहा है। लिमिटेड रेंज का चैलेंज भी अब पहले जितना नहीं रहा। बीते एक साल में बीएमडब्ल्यू का आईएक्स1 मॉडल 49 लाख की प्राइस पर लॉन्च होना बड़ा बदलाव साबित हुआ। लक्जरी ईवी की सेल्स जनवरी-मई 2024 के 1,223 यूनिट्स से बढक़र 2025 में 2,027 यूनिट्स हो गई। वहीं 2024 में पूरे साल लक्जरी कारों की सेल्स 51,406 यूनिट्स रही, जो 2023 के 48,000 यूनिट्स से अधिक थी। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि 2025 में यह आंकड़ा 60 हजार यूनिट्स तक पहुंच सकता है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने जनवरी-मई 2025 के बीच 1,020 बीएमडब्ल्यू और मिनी ईवी बेचे- जो साल-दर-साल 110 परसेंट की ग्रोथ है। अय्यर कहते हैं, मास मार्केट में आइस के मुकाबले ईवी के विकल्प कम हैं। भारत के केवल 30 परसेंट शोरूम में ही ईवी उपलब्ध हैं।


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