भरे बैठे हिंदुस्तानियों को भड़ास निकालने का सही मौका मिल गया। भारत में इनकम टैक्स और गाडिय़ों आदि पर हाई जीएसटी को लेकर रोजमर्रा सोशियल मीडिया पर पोस्ट वायरल होती हैं और बहस छिड़ जाती है। वो कहते हैं ना फ्यूल टू फायर यानी आग में घी डालना। हाल ही आई यूएई की गोल्डन वीजा पॉलिसी ने इस बहस पर बिल्कुल यही असर डाला है। इस पॉलिसी के तहत लाइफटाइम रेजीडेंसी वीजा अब 1 लाख अमीराती दिरहम में मिल रहा है। एक लाख अमीराती दिरहम यानी भारतीय रुपये में लगभग 23.3 लाख। आप यह भी जानते हैं कि यूएई में इनकम टैक्स नहीं है। यानी टैक्स की बचत, विदेश में बसने का सपना, बेहतर लाइफस्टाइल और प्रॉफेशनल ग्लोबल एक्सपोजर आदि के कारण यूएई की गोल्डन वीजा पॉलिसी को जैकपॉट कहा जा रहा है। गोल्डन वीजा की शुरुआत 2019 में हुई थी। हालांकि तब यूएई सरकार का टार्गेट एचएनआई पर था और इसके लिए रियल एस्टेट में मोटा पैसा लगाना पड़ता था। लेकिन एक नए नॉमिनेशन-बेस्ड सिस्टम के तहत यह विशेष वीजा प्रोफेशनल्स जैसे टीचर्स, नर्सं, पॉडकास्टर्स, यूट्यूबर्स, ई-स्पोर्ट्स गेमर्स, कॉन्टेंट क्रिएटर्स और यहां तक कि लक्जरी यॉट मालिकों को भी दिया जा रहा है। भारत सरकार से भरे बैठे लोगों के लिए बड़ी खबर यह भी है इस पॉलिसी को सबसे पहले भारत और बांग्लादेश के नागरिकों के लिए शुरू किया गया है। यूएई की आबादी में इन दोनों देशों का बड़ा हिस्सा हैं। बाद में इस गोल्डन वीजा योजना का कॉम्प्रिहेन्सिव इकनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सेपा) के पार्टनर देशों तक विस्तार किया जाएगा। आप जानते हैं वर्ष 2022 में यूएई और भारत ने सेपा समझौता किया था। रिपोर्ट कहती हैं कि यूएई की गोल्डन वीजा स्कीम को आसान और सस्ता बना देने से सोशियल मीडिया पर उत्साह, आलोचना के साथ नई बहस छिड़ी हुई है। बात सिर्फ टैक्स की नहीं है बल्कि देश के शहरों के पॉल्यूशन, पानी की कमी, ट्रेफिक जाम और बरसाती नाला बन जाने के कारण भी खासकर यंग प्रॉफेशनल्स में नाराजगी बढ़ रही है। सोशियल मीडिया पर चर्चा है कि इनकम टैक्स और भारी जीएसटी देने के बावजूद सरकारें अपने नागरिकों को सही लाइफस्टाइल देने में नाकामयाब हैं। ऐसे में पहला मौका मिलते ही उडक़ी मारने को मचल ने लगते हैं।