संभावित आईपीओ से पहले बड़ी संख्या में इंवेस्टर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (हृस्श्व) के शेयर खरीदने की जुगत में हैं। अनलिस्टेड मार्केट में एनएसई के शेयरों की सप्लाई काफी कमजोर बनी हुई है जिसके कारण पिछले 1 सप्ताह में ही एनएसई के शेयर 40 प्रतिशत बढ़ चुके हैं। अनलिस्टेड मार्केट के जानकारों का कहना है कि 5-6 महिने पहले तक शेयर बाजारों में लिस्टेड बीएसई लि. के शेयरों के मुकाबले एनएसई के शेयर 50 प्रतिशत के वेल्यूएशन डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे थे जो अब घटकर 10-15 प्रतिशत रह गया है। बाजार के जानकारों के मुताबिक अनलिस्टेड मार्केट्स में एनएसई के शेयर वर्तमान में 2375 रुपये से 2419 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड हो रहे हैं। इस लिहाज से इनका वेल्यूएशन 48 गुना के पीई-मल्टीपल का आता है। वहीं बीएसई के शेयर वर्तमान में 64.2 गुना के पीई-मल्टीपल के वेल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं। मीडिया रिपोटर््स के अनुसार सेबी के साथ एनएसई 1000 करोड़ रुपये के रेगूलेटरी सेटलमेंट की संभावना तलाश रहा है जो एक्सचेंज के आईपीओ की ओर बढ़ते कदम का इंडिकेशन कहा जा सकता है। ऑफिशियल तौर पर हालांकि एनएसई द्वारा आईपीओ लांच किए जाने की कोई घोषणा नहीं की गई है। संभवतया इस कारण भी बीएसई के मुकाबले एनएसई के शेयर वेल्यूएशन के लिहाज से डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एनएसई अपनी कुल इनकम का 65 प्रतिशत प्रोफिट जनरेट करती है। इस प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा कैश प्रॉफिट है जो एक्सचेंज के मजबूत बिजनस मॉडल को दर्शाता है। एनएसई के अनलिस्टेड शेयरों के लिए डिमांड ऐसी है कि कई वॉट्सएप ग्रुप पर भी एक्सचेंज के शेयरों के लिए बॉयर होने के मैसेज आ रहे हैं। शेयरों के लिए डिमांड का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मार्च 2025 में जहां एनएसई के अनलिस्टेड शेयर रखने वाले 39201 शेयरहोल्डर्स थे वहीं वर्तमान में यह संख्या बढक़र 1 लाख के पार हो चुकी है। अनलिस्टेड मार्केट्स में एनएसई के शेयरों में आई तेजी के चलते एक्सचेंज का मार्केट कैप बढक़र 5.87 लाख करोड़ रुपये के लेवल पर पहुंच चुका है जो आईटीसी व एलएंडटी जैसी ब्लूचिप कंपनियों के मार्केट कैप से अधिक है। एक्सपटर््स का मानना है कि संभावित आईपीओ में एलोटमेंट नहीं मिलने की अनिश्चितता के चलते रिटेल इंवेस्टर अनलिस्टेड मार्केट्स में एनएसई के शेयर खरीदना चाहते हैं पर एक्सचेंज के शेयरों की सप्लाई एकदम से गायब सी हो गई है। एनएसई के शेयर होल्ड करने वाले इंवेस्टर अब अनलिस्टेड मार्केट में शेयर नहीं बेचना चाहते। उन्हें उम्मीद है कि आईपीओ के बाद उन्हें और ऊंची प्राइस देखने को मिलेगी। जानकारों के अनुसार पिछले 3 वर्ष में अनलिस्टेड एनएसई के शेयरों की प्राइस 200 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ चुकी है।
