ग्लोबल दिग्गज अब प्लग-इन-हाइब्रिड के ट्रेक पर फुल थ्रोटल चलने के लिए गियरअप हो रही है। कंपनी का प्लान अमेरिका में ही अपनी कुल सेल्स में पीएचईवी का शेयर वर्ष 2023 में 2.4 परसेंट से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक लगभग 20 परसेंट तक ले जाने का है। प्लग-इन-हाइब्रिड व्हीकल अच्छी रेंज तक फुल इलेक्ट्रिक होते हैं और रेंज एक्सटेंडर के रूप में इनमें स्मॉल पेट्रोल इंजन भी होता है। टोयोटा ने सबसे पहले वर्ष 2016 में प्रियस को अमेरिका में पीएचईवी के रूप में पेश किया था, लेकिन अब ऐसे प्लग-इन की दीवानगी सर चढक़र बोल रही है। भारत की ही तरह अमेरिका में ऑटो इंडस्ट्री डबल व्हैमी (दोहरी मार) में फंसी है। एक ओर उन्हें कैफे नॉम्र्स पूरे करने हैं दूसरी ओर एमिशन नॉम्र्स पर भी खरा उतरना है। ऐसे में ऑटो कंपनियों को प्लग-इन-हाइब्रिड में बड़ी अपॉर्चुनिटी नजर आ रही है। नॉर्थ अमेरिका में टोयोटा के हैड डेविड क्राइस्ट ने कहा हम पीएचईवी रेंज का विस्तार करने जा रहे हैं। कंपनी लगातार इस पर काम कर रही है कि केवल बैटरी से भी पीएचईवी की ड्राइव रेंज को बढ़ाया जा सके। कंपनी का 2030 तक 20 परसेंट सेल्स का टार्गेट केलिफोर्निया एयर रिसोर्सेज बोर्ड (सीएआरबी) के एडवांस्ड क्लीन कार-!! नियम के अनुरूप ही है। इस नियम के तहत केलिफोर्निया में 2035 के बाद केवल जीरो एमिशन वेहीकल्स ही बिक पाएंगे। हालांकि ट्रंप इसे रिजेक्ट करने के रास्ते तलाश रहे हैं। आप जानते ही हैं ट्रंप का फेवरेट स्लोगन...ड्रिल बेबी ड्रिल...। टोयोटा का पीएचईवी प्लान ऐसे समय में आया है जब बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सेल्स में ग्रोथ घट रही है। साथ ही इन्हें लेकर रेगुलेटरी अनिश्चितता भी बनी हुई है। क्राइस्ट ने कहा कंपनी पूरी प्रॉडक्ट रेंज में पीएचईवी का संभावना तलाश रहे हैं। रैव-4 जैसे पीएचईवी में अब इलेक्ट्रिक रेंज 80 किलोमीटर तक पहुंच गई है। इंडस्ट्री एनेलिस्ट मानते हैं कि वर्ष 2030 तक अमेरिका की कुल पीवी सेल्स में पीएचईवी का शेयर 4 से 5 परसेंट तक पहुंच सकता है। वर्ष 2024 में अमेरिका में 1.60 करोड़ पैसेंजर या कहें तो लाइट मोटर व्हीकल्स बिके थे। एनेलिस्ट कहते हैं कि पीएचईवी में ग्रोथ के हैडरूम लिमिटेड है क्योंकि डबल पावरट्रेन के कारण लागत ज्यादा होती है। जिन कंपनियों ने इस टेक्नोलॉजी में पहले से इंवेस्टमेंट कर रखा है उनके लिए ठीक है लेकिन नए इंवेस्टमेंट के लिए वायबिलिटी नहीं निकल पाएगी। टोयोटा (लक्जरी ब्रांड लेक्सस सहित) की पीएचईवी सेल्स पिछले वर्ष लगभग 39 परसेंट बढ़ी है। टोयोटा ब्रांड की प्रियस और रैव-4 पीएचईवी की सेल्स में 30 परसेंट जबकि लेक्सस के तीन पीएचईवी मॉडलों की सेल्स में 88.6 परसेंट की ग्रोथ हुई। कंपनी का दावा है कि उसके 20 से अधिक हाइब्रिड मॉडलों की स्लेस में पिछले वर्ष 53 परसेंट की ग्रोथ हुई। क्राइस्ट के अनुसार वर्ष 2025 में अमेरिका में उसकी कुल सेल्स में हाइब्रिड और पीएचईवी का कुल शेयर 50 परसेंट से ज्यादा होगा। जो वर्ष 2024 में लगभग 46 और 2023 में लगभग 30 परसेंट था। टोयोटा के ही कूपर एरिक्सन कहते हैं कि हमारे पास आईसी इंजन है, हाइब्रिड है, प्लग-इन हाइब्रिड है और फुल इलेक्ट्रि वेहीकल भी हैं। ऐसे में मल्टी-पावरट्रेन स्ट्रेटेजी के दम पर कंपनी के पास कामयाबी की संभावना बहुत है। हालांकि इस तथ्य को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि जनरल मोटर्स को लो वॉल्यूम के कारण शेवरले वोल्ट को 2019 में बंद करना पड़ गया था। एनेलिस्ट कहते हैं कि टोयोटा की 2025 रैव-4 के पीएचईवी मॉडल की कीमत बेस मॉडल से लगभग 15 हजार डॉलर और हाइब्रिड वर्जन से 12 हजार डॉलर अधिक है।
