ईवी पीवी में लोकतंत्र पांव पसार रहा है। पहले टाटा मोटर्स की हेजेमनी (दबदबा) था। लेकिन वो कहते हैं तो जब मिल बैठे तीन यार...बस वही ईवी पीवी में हो रहा है। पहले इसमें एमजी ने गियर बदले अब महिन्द्रा की नई बॉर्न ईवी•ा आर फ्लाइंग ऑफ द शेल्फ...। यानी देश के ईवीपीवी सैगमेंट में ट्राएड यानी तिगड्डा बन गया है। हालांकि ह्यूंदे भी है और मारुति भी आने वाली है। ह्यूंदे की क्रेटा ईवी को लिमिटेड सी सक्सैस मिली है। मारुति ने पैडल पुश करने से पहले से ईवी से पांव हटा लिए। खैर...टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू एमजी और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ईवी पीवी को मेनस्ट्रीम करने के लिए लगातार पोर्टफोलियो और कस्टमर सर्विस को फाइनट्यून कर रही हैं जिससे तीनों के बीच कंपीटिशन हॉट हो रहा है। टाटा मोटर्स का ईवीपीवी में फ्रीरन खत्म हो चुका है लेकिन जब तीन प्लेयर मार्केट का विस्तार करने पर इंवेस्ट करेंगे तो वॉल्यूम बढ़ेगा और फायदा सभी को होगा। टाटा मोटर्स का मार्केट शेयर जून 2025 में घटकर 35 परसेंट रह गया जो जून 2024 में 63 परसेंट था। साथ में लगी टेबल के अनुसार चार धाकड़ ईवी ब्रांड्स (एमजी विंडसर, महिन्द्रा एक्सईवी और बीईवी व ह्यूंदे क्रेटा ईवी) के आ जाने के बावजूद टाटा की वित्त वर्ष की तिमाही में ग्रोथ 2.48 परसेंट के साथ फ्लेट रही है। यानी टाटा ईवी वॉल्यूम को बचाने में कामयाब रही है वह भी तब जब ईवी कैब पर सब्सिडी स्कीम खत्म हो गई है। विंडसर एमजी के लिए वंडरफुल साबित हो रही है। इसके दम पर तिमाही में जेएसडब्ल्यू एमजी का मार्केट शेयर 20 परसेंट से बढक़र 30 परसेंट हो गया। बीईवी और एक्सईवी महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए ईवी जैकपॉट साबित हो रहे हैं और इनके कम पर कंपनी ने पिछले महीने 3 हजार से अधिक ईवी बेचते हुए जून में अपने मार्केट शेयर को 23 तक पहुंचा दिया। महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ईवी पीवी के लिए कस्टमर एक्सपीरियंस को टॉपनॉच करने के लिए बड़ा इंवेस्टमेंट भी कर रही है। ह्यूंदे इंडिया ने लगभग 500 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे और उसका मार्केट शेयर 4परसेंट से भी कम है। दूसरी ओर चीन की बीवाईडी भले ही ग्लोबल मार्केट में जायंट स्लेयर (चैंपियन को चित्त करने वाला) हो लेकिन भारत में चार ईवी मॉडलों के बावजूद 3 परसेंट मार्केट शेयर के साथ फ्रिंजप्लेयर ही है। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के डायरेक्टर पुनीत गुप्ता कहते हैं एमजी विंडसर ने ईवी से जुड़े कई मोल्ड्स तोड़े हैं। इसकी कीमत आइस कारों के बराबर है। एमजी विंडसर प्राइसिंग, पोजिशनिंग और पैकेजिंग के मामले में विनर है। इसके जरिए देश में बास यानी बैटरी ऐज अ सर्विस (इस्तेमाल के आधार पर बैटरी टैरिफ) मॉडल की शुरूआत हुई जिससे विंडसर की अपफ्रंट कॉस्ट भी कम हो गई। टाटा ने हाल ही बास मॉडल अपनाया है। प्राइमस पार्टनर्स के निखिल ढाका कहते हैं, ईवी मार्केट अब वन मैन शो नहीं रहा। टाटा की पहली तिमाही में ईवी सेल्स लगभग स्थिर रही, जबकि उसके पास पांच इलेक्ट्रिक मॉडल्स हैं। हालांकि टाटा मोटर्स हाल ही में लॉन्च हैरियर ईवी और अपकमिंग सिएरा ईवी के वॉल्यूम ब्रांड्स बनने की उम्मीद लगा रही है। हालांकि कुल पीवी में ईवी का शेयर अभी भी केवल 2.5 परसेंट है। लेकिन तीन बड़े प्लेयर्स के एक्टिव हो जाने से इसमें वॉल्यूम ग्रोथ होने का फायदा पूरी इंडस्ट्री को होगा। अब देश में सार्वजनिक चार्जर्स की संख्या 25 हजार से अधिक हो गई हो।
