9 जुलाई निकल गई, 14 देश फंस गए लेकिन भारत बच गया। चर्चा है कि डॉनाल्ड ट्रंप भारत के साथ ट्रेड डील को विंबलडन ट्रॉफी की तरह दिखाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुप्पी साध रखी है लेकिन ट्रंप रोजमर्रा इंडिया के साथ ट्रेड डील का ढिंढोरा पीट रहे हैं। रिपोर्ट कहती हैं कि डील आज हो या कुछ दिन बाद, भारत के खिलाफ नहीं एडवांटेज में होगी। नोमुरा सिंगापुर के रॉबर्ट सुब्बारमन और बीएनपी पारिबा के चंद्रेश जैन का मानना है कि अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी में हो रहे बदलाव से ग्लोबल ट्रेड के रीबैलेंस होने का सबसे ज्यादा फायदा भारत को मिलने की उम्मीद है। ट्रंप टैरिफ की चपेट में आए 14 देशों की लिस्ट में भारत का नाम नहीं होना आने वाली गुडन्यूज का संकेत हो सकता है। सुब्बारमन ने कहा भारत के साथ ट्रेड डील की संभावना बहुत ज्यादा है। चौदह देशों पर लगाए गए टैरिफ 1 अगस्त से लागू होंगे। ट्रंप शायद एस्केलेट-टू-डीएस्केलेट (पहले हमला करो फिर समझौता करो) की स्ट्रेटेजी पर चल रहे हैं। सुब्बारमन के अनुसार अगर अमेरिकी टैरिफ भारत पर 10 परसेंट के आसपास रहते हैं, तब भी भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है, और खिलौने, वस्त्र, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत का एक्सपोर्ट बढ़ सकता है।
टेक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट में जैकपॉट : 7 जुलाई को ट्रंप द्वारा 14 देशों पर लगाए गए नए टैरिफ से साउथ कोरिया, बांग्लादेश, म्यांमार, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों के एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा और यह भारत के टेक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट के लिए सही ग्रोथ ड्राइवर साबित हो सकता है। यदि अमेरिका के साथ मिनी ट्रेड डील हो जाती है या कम टैरिफ पर ट्रंप को राजी कर पाता है तो भारत इन देशों के अमेरिका को होने वाले एक्सपोर्ट में 10 परसेंट से अधिक की सेंध लगा सकता है। उदाहरण के लिए, साउथ कोरिया पर 25 परसेंट टैरिफ लगने से उसका इनवर्टर, बैटरी चार्जर, वॉल्व और टैप आदि के $5.4 बिलियन के एक्सपोर्ट में एडवांटेज खत्म हो सकता है। इन क्षेत्रों में भारत के पास पहले से उत्पादन क्षमता है और इसका फायदा उठाया जा सकता है। बांग्लादेश से अमेरिका को होने वाले टीशर्ट, जर्सी और शर्ट आदि कैटेगरी में भारत लगभग 1.3 बिलियन डॉलर का फायदा उठा सकता है। म्यांमार के तो 25 परसेंट (75 करोडॉ डॉलर) एक्सपोर्ट को भारत से कड़ी टक्कर मिल सकती है। इसी तरह इंडोनेशिया मॉडेम का 1 बिलियन डॉलर और जर्सी का 50 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट भारत छीनने की स्थिति में है। मलेशिया को 15 परसेंट और कंबोडिया को 13.4 परसेंट यूएस-एक्सपोर्ट भारत के हाथ गंवाना पड़ सकता है। हालांकि जापान और थाईलैंड अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है और भारत इनके 6-10 परसेंट यूएस एक्सपोर्ट को ही टार्गेट कर पाएगा। जापान का अमेरिका को कुल एक्सपोर्ट वर्ष 2024 में लगभग $62 बिलियन डॉलर था। कुल मिलाकर, अमेरिका के नए टैरिफ भारत के लिए एक बड़ा मौका लेकर आए हैं और भारत अमेरिकी बाजार में टेक्सटाइल, गारमेंट और इलेक्ट्रॉनिक्स कैटेगरी में बड़े ग्लोबल खिलाडिय़ों का रास्ता रोक सकता है।
