बीकानेर। निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों के आवास निर्माण में सर्वाधिक उपयोग में आने वाली मोजाइक टाइल्स प्रधानमंत्री आवास योजना में भी काम में ली जा रही है। मोजाइक टाइल्स पर पहले 5 फीसदी वैट था लेकिन सरकार द्वारा जीएसटी में मोजाइक टाइल्स को 28 फीसदी टैक्स में लेने से उद्योग पर संकट गहरा गया है। सरकार के इस निर्णय से कई उद्योग बंद होने से हजारों श्रमिक बेरोजगार होंगे। कारोबारियों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली एवं वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने संयुक्त पत्र भेजकर मोजाइल टाइल्स को 28 फीसदी के बजाय 5 फीसदी जीएसटी टैक्स स्लैब में रखकर राहत देने एवं बंद होने के कगार पर पहुंचे उद्योग को बचाने की मांग की है। कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी लागू होने की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे कारोबारियों में घबराहट देखने को मिल रही है, जिन कारोबारियों का काम अब तक कम टैक्स देकर चल रहा था, उन्हें जीएसटी लागू होने के बाद बढ़ा हुआ टैक्स चुकाना पड़ेगा। खासकर टाइल्स कारोबारियों को अब तक दिए जाने वाले टैक्स का पांच गुना अधिक टैक्स देना पड़ेगा। कारोबारियों का कहना है कि प्रस्तावित जीएसटी में भारत सरकार द्वारा कमोडिटी की कोई भी जीएसटी रेट फाइनल करने के दौरान छोटे ट्रेडर्स एवं उत्पादनकर्ता जिसका व्यापार 20 लाख से 1.5 करोड़ है और जो उत्पाद शुल्क के दायरे में नहीं आते हैं, का ध्यान नहीं रखा गया है। देश-प्रदेश में छोटे कारोबारी करीब 90 से 95 फीसदी हैं और जीएसटी कमेटी ने इसी मानसिकता के साथ जीएसटी दरें फाइनल की हैं जैसे सभी व्यापारी उत्पाद शुल्क भुगतान के दायरे में आते हो। जबकि प्रधानमंत्री सहित अन्य मंत्रियों ने भी विश्वास दिलाया था कि जीएसटी में सभी छोटे व्यापारियों के हितों का ख्याल रखा जाएगा, वहीं इसके विपरीत अधिकांश कमोडिटी वाले कई उत्पाद जिसमें सीमेंट, कंक्रीट एवं मोजाइक टाइल्स जो पूर्णतया श्रम आधारित उत्पाद हैं इन्हें 28 प्रतिशत टैक्स स्लेब में लिया गया है, जबकि वर्तमान में इन पर 5 प्रतिशत कर लगता है । ये टाइल्स अधिकतर निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोग काम में लेते हंै। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी ये टाइल्स ही काम में आ रही है। - निजी संवाददाता