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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

23-04-2025

कालीमिर्च : मजबूती बनी रहेगी

  •  कर्नाटक में भी कालीमिर्च की नई फसल का उत्पादन करीब 50 प्रतिशत ही होने की चर्चाएं चल रही है। इसकी वजह से फिलहाल मंडिय़ों में इसकी आवक का दबाव बनना तो दूर सामान्य आवक भी नहीं हो रही है। अत: आगामी दिनों में हाजिर में कालीमिर्च मजबूत ही बनी रह सकती है। चालू सीजन के दौरान कर्नाटक में भी कालीमिर्च की नई फसल करीब 50 प्रतिशत ही आने की चर्चाएं चल रही हैँ। इससे पूर्व केरल में भी कालीमिर्च का उत्पादन करीब 20-25 प्रतिशत कमजोर आने के अनुमान व्यक्त किए जा रहे थे। केरल में करीब तीन-साढ़े तीन महीने पहले ही कालीमिर्च की नई फसल की आवक का श्रीगणेश हो गया था। इसके बाद करीब तीन-चार सप्ताहों से कर्नाटक में भी मरकरा कालीमिर्च की फसल मंडिय़ों में आ रही है। इसके बाद भी इसकी आवक का उम्मीद के अनुरूप दबाव अभी तक नहीं बन पाया है। इतना ही नहीं, यह दबाव अभी बनने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है क्योंकि बाजारों में ऐसी चर्चा चल रही है कि सौंठ और कालीमिर्च के निर्यातक, स्टॉकिस्ट इसके स्टॉक में कूद गए हैं। केरल में इसकी कीमत करीब 570-580 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास खुली थी। बहरहाल, आपूर्ति कमजोर बनी होने की वजह से घरेलू बाजारों में हाल ही में इस प्रमुख किराना जिंस में तेजी भी आई है। बहरहाल, व्यापारिक क्षेत्रों में नई फसल 10-15 प्रतिशत कमजोर आने की आशंका भी जताई जा रही है। कर्नाटक की फसल भी अब करीब 50 प्रतिशत कमजोर आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। दूसरी ओर, हाल ही के वर्षों में केरल में कालीमिर्च के व्यापार में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। राज्य के कालीमिर्च किसान सीधे ही खपतकर्ता राज्यों को इस प्रमुख किराना जिंस की आपूर्ति कर रहे हैं। राज्य की कोच्चि समेत अन्य बड़ी मंडिय़ों में इसकी आवक नगण्य ही बनी हुई है। हालांकि केरल के ग्रामीण तथा देहाती क्षेत्रों में न केवल नई फसल ही आ रही है बल्कि अन्य खपतकार राज्यों के लिए किसानों द्वारा वहीं से इसकी आपूर्ति के सौदे भी किए जा रहे हैं। बीते कुछ समय से केरल की कोच्चि समेत अन्य प्रमुख मंडिय़ों में कालीमिर्च का थोक व्यापार सुस्त बना हुआ है। आवक भी नीची बताई जा रही है। पूर्व में रहे विपरीत मौसम और इसकी वजह से कर्नाटक और केरल जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों से कालीमिर्च की आपूर्ति सामान्य से तंग बनी हुई थी। आपूर्ति और उपलब्धता सामान्य से तंग होने और लिवाली बढऩे यहां स्थित थोक किराना बाजार में कालीमिर्च मरकरा हाल ही में 10 रुपए मंदी होकर फिलहाल 780/790 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें 25-30 रुपए की तेजी आई थी। कोच्चि में इसकी कीमत हाल ही में 10 रुपए मंदी होकर 730/740 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी होने की जानकारी मिली। इससे पूर्व इसमें 25-40 रुपए की तेजी आई थी। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-दिसम्बर अवधि में देश से कुल 741.26 करोड़ रुपए कीमत की 15,320.50 टन कालीमिर्च का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 12,477.05 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 510.19 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों में हाजिर में कालीमिर्च में मजबूती बनी रहने के आसार हैं।

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कालीमिर्च : मजबूती बनी रहेगी

 कर्नाटक में भी कालीमिर्च की नई फसल का उत्पादन करीब 50 प्रतिशत ही होने की चर्चाएं चल रही है। इसकी वजह से फिलहाल मंडिय़ों में इसकी आवक का दबाव बनना तो दूर सामान्य आवक भी नहीं हो रही है। अत: आगामी दिनों में हाजिर में कालीमिर्च मजबूत ही बनी रह सकती है। चालू सीजन के दौरान कर्नाटक में भी कालीमिर्च की नई फसल करीब 50 प्रतिशत ही आने की चर्चाएं चल रही हैँ। इससे पूर्व केरल में भी कालीमिर्च का उत्पादन करीब 20-25 प्रतिशत कमजोर आने के अनुमान व्यक्त किए जा रहे थे। केरल में करीब तीन-साढ़े तीन महीने पहले ही कालीमिर्च की नई फसल की आवक का श्रीगणेश हो गया था। इसके बाद करीब तीन-चार सप्ताहों से कर्नाटक में भी मरकरा कालीमिर्च की फसल मंडिय़ों में आ रही है। इसके बाद भी इसकी आवक का उम्मीद के अनुरूप दबाव अभी तक नहीं बन पाया है। इतना ही नहीं, यह दबाव अभी बनने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है क्योंकि बाजारों में ऐसी चर्चा चल रही है कि सौंठ और कालीमिर्च के निर्यातक, स्टॉकिस्ट इसके स्टॉक में कूद गए हैं। केरल में इसकी कीमत करीब 570-580 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास खुली थी। बहरहाल, आपूर्ति कमजोर बनी होने की वजह से घरेलू बाजारों में हाल ही में इस प्रमुख किराना जिंस में तेजी भी आई है। बहरहाल, व्यापारिक क्षेत्रों में नई फसल 10-15 प्रतिशत कमजोर आने की आशंका भी जताई जा रही है। कर्नाटक की फसल भी अब करीब 50 प्रतिशत कमजोर आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। दूसरी ओर, हाल ही के वर्षों में केरल में कालीमिर्च के व्यापार में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। राज्य के कालीमिर्च किसान सीधे ही खपतकर्ता राज्यों को इस प्रमुख किराना जिंस की आपूर्ति कर रहे हैं। राज्य की कोच्चि समेत अन्य बड़ी मंडिय़ों में इसकी आवक नगण्य ही बनी हुई है। हालांकि केरल के ग्रामीण तथा देहाती क्षेत्रों में न केवल नई फसल ही आ रही है बल्कि अन्य खपतकार राज्यों के लिए किसानों द्वारा वहीं से इसकी आपूर्ति के सौदे भी किए जा रहे हैं। बीते कुछ समय से केरल की कोच्चि समेत अन्य प्रमुख मंडिय़ों में कालीमिर्च का थोक व्यापार सुस्त बना हुआ है। आवक भी नीची बताई जा रही है। पूर्व में रहे विपरीत मौसम और इसकी वजह से कर्नाटक और केरल जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों से कालीमिर्च की आपूर्ति सामान्य से तंग बनी हुई थी। आपूर्ति और उपलब्धता सामान्य से तंग होने और लिवाली बढऩे यहां स्थित थोक किराना बाजार में कालीमिर्च मरकरा हाल ही में 10 रुपए मंदी होकर फिलहाल 780/790 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें 25-30 रुपए की तेजी आई थी। कोच्चि में इसकी कीमत हाल ही में 10 रुपए मंदी होकर 730/740 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी होने की जानकारी मिली। इससे पूर्व इसमें 25-40 रुपए की तेजी आई थी। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-दिसम्बर अवधि में देश से कुल 741.26 करोड़ रुपए कीमत की 15,320.50 टन कालीमिर्च का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 12,477.05 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 510.19 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों में हाजिर में कालीमिर्च में मजबूती बनी रहने के आसार हैं।


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