TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-12-2025

भारत में एफडीआई का यह अंतर क्यों?

  •  भारत ने वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही (अप्रेल-सितंबर) में एफडीआई इनफ्लो रिकॉर्ड 50.36 बिलियन डॉलर रहा जो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में आए 43.37 बिलियन डॉलर के एफडीआई की तुलना में 16' ज्यादा है। राजस्व राज्य मंत्री वित्त पंकज चौधरी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में आया ज्यादातर एफडीआई ऑटोमैटिक रूट से आया है। भारत ने लगातार अलग-अलग सैक्टर में एफडीआई की तय लिमिट में  ढील दी है, रेगुलेटरी औपचारिकताएं कम की हैं, नए सेक्टर फॉरेन इन्वेस्टमेंट के लिए खोले हैं, और इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजनस एनवायरनमेंट में सुधार किया है। चौधरी के अनुसार पिछले दशक में ग्रॉस एफडीआई इनफ्लो दोगुना से अधिक बढक़र वित्त वर्ष 14 के $36.05 बिलियन से वित्त वर्ष 25 में $80.62 बिलियन हो गया। हालांकि एफडीआई को लेकर सरकार के इस दावे पर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकि आरबीआई के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही (अप्रेल-सितंबर) में नेट  (इनफ्लो में से आउटफ्लो घटाने पर) एफडीआई केवल $7.64 बिलियन डॉलर रहा, जबकि इसी अवधि में नेट एफपीआई ने (-) $0.4 बिलियन दर्ज किया गया।

Share
भारत में एफडीआई का यह अंतर क्यों?

 भारत ने वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही (अप्रेल-सितंबर) में एफडीआई इनफ्लो रिकॉर्ड 50.36 बिलियन डॉलर रहा जो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में आए 43.37 बिलियन डॉलर के एफडीआई की तुलना में 16' ज्यादा है। राजस्व राज्य मंत्री वित्त पंकज चौधरी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में आया ज्यादातर एफडीआई ऑटोमैटिक रूट से आया है। भारत ने लगातार अलग-अलग सैक्टर में एफडीआई की तय लिमिट में  ढील दी है, रेगुलेटरी औपचारिकताएं कम की हैं, नए सेक्टर फॉरेन इन्वेस्टमेंट के लिए खोले हैं, और इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजनस एनवायरनमेंट में सुधार किया है। चौधरी के अनुसार पिछले दशक में ग्रॉस एफडीआई इनफ्लो दोगुना से अधिक बढक़र वित्त वर्ष 14 के $36.05 बिलियन से वित्त वर्ष 25 में $80.62 बिलियन हो गया। हालांकि एफडीआई को लेकर सरकार के इस दावे पर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकि आरबीआई के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही (अप्रेल-सितंबर) में नेट  (इनफ्लो में से आउटफ्लो घटाने पर) एफडीआई केवल $7.64 बिलियन डॉलर रहा, जबकि इसी अवधि में नेट एफपीआई ने (-) $0.4 बिलियन दर्ज किया गया।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news