अमेजन भारत में छोटे कारोबारियों को लोन देने के प्लान को फाइनल कर रही है जबकि फ्लिपकार्ट ...बाई-नाउ, पे-लेटर... प्रोडक्ट्स लॉन्च कर रही है। अमेजन ने इस वर्ष की शुरुआत में बेंगलुरु स्थित नॉन-बैंक लेंडर एक्सियो का अधिग्रहण किया था। एक्सियो अभी बीएनपीएल (बाई-नाउ, पे-लेटर) और पर्सनल लोन सर्विस देती है लेकिन कंपनी अब छोटे कारोबारियों को क्रेडिट और कैश मैनेजमेंट सॉल्यूशंस ऑफर करने की तैयारी में है। अमेजन के पेमेंट्स फॉर इमर्जिंग मार्केट्स के वाइस प्रेसिडेंट महेन्द्र नेरुरकर के अनुसार भारत में क्रेडिट, विशेषरूप से डिजिटल क्रेडिट ग्रोथ बढ़ाने के लिए जबरदस्त अवसर मौजूद हैं। कंपनी व्यापारियों और छोटे व्यवसायों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए लेंडिंग (लोन) प्रोडक्ट्स लॉन्च करेगी जिससे कैशफ्लो मैनेजमेंट की क्षमता बढ़ेगी और पूंजी अनलॉक हो सकेगी। वहीं फ्लिपकार्ट — जिसमें वॉलमार्ट की लगभग 80 परसेंट हिस्सेदारी है — ने मार्च में अपनी नॉन-बैंक लेंडिंग यूनिट फ्लिपकार्ट फाइनेंस को रजिस्टर किया था और अब आरबीआई से अप्रूवल का इंतजार कर रही है। कंपनी 1. नो-कॉस्ट मासिक ईएमआई स्कीम जो 3 से 24 महीनों के लिए ऑनलाइन बायर को दी जाएंगी और 2. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स लोन पर 18-26 परसेंट वार्षिक ब्याज की स्कीम लॉन्च करेगी। बैंक और फाइनेंस कंपनी ऐसे कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन पर आमतौर पर 12 से 22 परसेंट ब्याज लेते हैं। क्रेडिट ब्यूरो सीआरआईएफ हाई मार्क के आंकड़ों के अनुसार, भारत का कंज्यूमर लोन मार्केट मार्च 2020 के लगभग 80 बिलियन डॉलर से बढक़र मार्च 2025 तक 212 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। कंज्यूमर लोन में अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स लोन शामिल होते हैं। अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों ऐसे एप संचालित करते हैं जो भारत के यूपीआई पर पेमेंट करने के लिए इस्तेमाल किए जाने टॉप 10 प्लेटफॉम्र्स में शामिल हैं। कंसल्टेंसी ग्रांट थोर्नटन भारत के पार्टनर रोहन लखियार के अनुसार इन ई-कॉमर्स दिग्गजों के पास सप्लाई-साइड और डिमांड-साइड दोनों तरह का कस्टमर डेटा है। इसके दम पर ये कंपनियां कंज्यूमर लोन के मार्केट को डिसरप्ट कर सकती हैं। नेरुरकर के अनुसार अमेजन ने 1 हजार रुपये से शुरू होने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट सर्विस ऑफर करने के लिए आधा दर्जन बैंक और फाइनेंस कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है।