सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेजीडेंशियल प्रोपर्टी को किसी ऐसी संस्था को लीज पर देना जो उसका उपयोग छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए हॉस्टल के रूप में कर रही है, जीएसटी से छूट प्राप्त है। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस संबंध में दिये गए कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘इस मामले में, संपत्ति का आवास के रूप में अंतिम उपयोग अपरिवर्तित है। हालांकि, यदि प्रतिवादी संख्या एक और पट्टेदार, यानी मेसर्स डीटीवेल्व स्पेसेज प्राइवेट लिमिटेड के बीच इस लेनदेन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, तो अंतत: इसका बोझ छात्रों और कामकाजी लोगों पर पड़ेगा। इससे ऐसी स्थिति पैदा होगी, जिसमें रेजीडेंशियल यूज़ के लिए छूट देने की विधायी मंशा विफल हो जाएगी।’’ शीर्ष अदालत बेंगलुरु में 42 कमरों वाली एक रेजीडेंशियल प्रोपर्टी के सह-मालिक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।