देश के शीर्ष सात शहरों में अप्रैल-जून तिमाही में हाउसिंग प्राइस सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़ीं, जिससे बिक्री में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक ने भारत के सात प्रमुख रेजीडेंशियल बाजारों के आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में मकानों की बिक्री में 20 प्रतिशत की गिरावट आई। अप्रैल-जून तिमाही में इस साल 96,285 मकान बेचे गए जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 1,20,335 यूनिट्स की बिक्री की गई थी। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता में मकानों की बिक्री में गिरावट आई। चेन्नई में मांग में वृद्धि दर्ज की गई। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘ 2025 की दूसरी (अप्रैल-जून) तिमाही इंडियन रेजीडेंशियल मार्केट्स के लिए उतार-चढ़ाव भरी रही। देश और विदेश में सैन्य कार्रवाइयां भी इसकी मुख्य वजह रही। युद्ध जैसे माहौल ने मकान खरीदने वालों को स्थिति आंकने और फिर फैसले करने की स्थिति में धकेल दिया, जिससे पिछले दो वर्ष में प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल का असर और बढ़ गया।’’ उन्होंने कहा कि अब घरेलू तनाव कम होने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतिगत दर में कटौती से नए सिरे से उम्मीदें जगी हैं जिससे खरीदारों की धारणा में सुधार हो रहा है। एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-जून में शीर्ष सात शहरों में औसत रेजीडेंशियल कीमतों में सालाना 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एनसीआर में सबसे अधिक 27 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई। इसके बाद बेंगलुरु में 12 प्रतिशत और हैदराबाद में 11 प्रतिशत की औसत मूल्य वृद्धि दर्ज की गई।