भारत के एमएसएमई का लोन पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2025 में 13 परसेंट ग्रोथ के साथ 35.2 लाख करोड़ हो गया जो वित्त वर्ष 24 में 31 लाख करोड़ रुपये था। सिडबी की रिपोर्ट के अनुसार लोन आउटस्टैंडिंग में यह ग्रोथ मौजूदा अकाउंट्स में ही ज्यादा लोन देने के कारण हुई है। इस दौरान 90 से 720 दिन के डिफॉल्ट घटकर केवल 1.8 परसेंट रह गये जो पांच वर्ष में सबसे कम है। यह मार्च 2024 में 2.1 परसेंट थे। हालांकि 10 लाख रुपये तक के एक्सपोजर वाले उधारकर्ताओं के लिए डिफॉल्ट इस दौरान 5.1 परसेंट से बढक़र 5.8' हो गया। वहीं 10 लाख रुपये और 50 लाख रुपये के बीच एक्सपोजर के मामलों में डिफॉल्ट 2.8 परसेंट से बढक़र 2.9 परसेंट हो गया।