वियतनाम की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी विनफास्ट जिसने इस साल की शुरुआत में भारत में दो इलेक्ट्रिक कारें पेश की थीं, अब 2026 में भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन भी लॉन्च करेगी। कंपनी फिलहाल इसके लिए व्यवहार्यता अध्ययन (फीजिबिलिटी स्टडी) कर रही है। आगे चलकर विनफास्ट का देश में अपनी राइड-हेलिंग सेवा (कैब) और इलेक्ट्रिक बसें भी शुरू करने का प्लान है जिसके लिए वह कई राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी के पास अलग-अलग बैटरी क्षमता और रेंज में कम से कम छह इलेक्ट्रिक स्कूटरों की रेंज है। भारत में कंपनी शुरुआत में इनमें से दो मॉडलों को लॉन्च कर सकती है। भारत का इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार फिलहाल बजाज, टीवीएस जैसी लीगेसी कंपनियों के साथ-साथ एथर और ओला इलेक्ट्रिक जैसे स्टार्ट-अप्स के कब्जे में है। विनफास्ट एशिया के सीईओ फाम सैन्ह चाउ के अनुसार हम भारत के बाजार की आवश्यकताओं को समझने के लिए भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं। व्यवहार्यता (फीजिबिलिटी) अध्ययन चल रहा है और हमारे डीलर नेटवर्क ने भी दोपहिया वाहनों में गहरी रुचि दिखाई है। सितंबर में कंपनी ने भारत में दो इलेक्ट्रिक कारें—वीएफ 6 और वीएफ 7—लॉन्च की थीं। चाउ के अनुसार कंपनी भारत में हर छह महीने में एक नया मॉडल लॉन्च करने की योजना बना रही है, और अगला मॉडल फरवरी में आएगा। वर्ष 2026 की पहली तिमाही में विनफास्ट भारत में अपनी राइड-हेलिंग कैब सेवा भी शुरू करेगी। वियतनाम में, कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक कारों को जीएसएम द्वारा संचालित राइड-हेलिंग फ्लीट को उपलब्ध कराती है, और भारत में भी इसी सफलता को दोहराना चाहती है। कंपनी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से इलेक्ट्रिक बसें लॉन्च करने के लिए बातचीत कर रही है। चाउ ने बताया कि विनफास्ट की मूल कंपनी विनग्रुप —जो वियतनाम के सबसे बड़े समूहों में से एक है—भारत में अपना फुल इकोसिस्टम लाने की संभावनाएं तलाश रही है। इसमें वाहनों से लेकर टाउनशिप, स्कूल, विश्वविद्यालय, अस्पताल और रिसॉर्ट तक शामिल हैं। भारत में विनफास्ट तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन बाजार पर बड़ा दांव लगा रही है। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हाल ही में शुरू किया गया उसका असेम्बली प्लांट 16 हजार करोड़ रुपये तक के चरणबद्ध निवेश की शुरुआत है। इस मामले में कंपनी की रणनीति टेस्ला से अलग रही है, जो फिलहाल भारत को सिर्फ एक मार्केट के रूप में देख रही है, जबकि विनफास्ट भारत में स्थानीय निर्माण पर जोर दे रही है। चाउ ने कहा कि विनफास्ट भारत को अपनी वैश्विक विस्तार रणनीति में एक महत्वपूर्ण बाज़ार मानती है, और भारत कंपनी के लिए एक निर्यात केंद्र (एक्सपोर्ट हब) के रूप में भी काम करेगा। अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग सुविधा देने के लिए कंपनी विभिन्न भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि विनफास्ट बायर के लिए अपनी कारों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई तरह के फाइनेंसिंग ऑप्शंसप्रस्तुत करने पर भी विचार कर रही है।