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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

02-12-2025

महिंद्रा का महीने में 7 हजार ईवी बेचने का टार्गेट

  •  महिंद्रा एंड महिंद्रा इस वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों पर बड़ा दांव लगा रही है। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष के अंत तक इलेक्ट्रिक वेहीकल सेल्स लगभग 7 हजार यूनिट प्रति माह तक पहुंचाने का है। फिलहाल कंपनी हर महीने 4,000-5,000 ईवी बेच रही है, लेकिन पोर्टफोलियो का विस्तार और प्रोडक्शन कैपेसिटी बढऩे के कारण कंपनी सेल्स वॉल्यूम में तेज ग्रोथ की उम्मीद लेकर चल रही है। इस बढ़त में सबसे बड़ा योगदान नई 7-सीटर एक्सईवी 9एस के लॉन्च से आएगा। इस मॉडल के साथ महिंद्रा 2027-28 तक उसकी कुल सेल्स में ईवी का शेयर 25 परसेंट तक पहुंचाना चाहती है। कंपनी के ऑटो एंड फार्म सेक्टर्स के एक्जेक्टिव डायरेक्टर और सीईओ राजेश जेजुरीकर के अनुसार, कंपनी मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता तेजी से बढ़ा रही है। उन्होंने कहा हम इलेक्ट्रिक वाहनों की ऑपरेटिंग उत्पादन क्षमता को वित्त वर्ष के अंत तक 8 हजार यूनिट प्रति माह तक ले जा रहे हैं और सेल्स 7 हजार यूनिट्स प्रतिमाह रहने की उम्मीद हैं। महिंद्रा अपने बॉर्न-इलेक्ट्रिक मॉडल्स का उत्पादन चाकन प्लांट में करती है, जहां कैपेसिटी लगातार बढ़ाई जा रही है। पिछले 7 महीनों में ही महिंद्रा बीई 6 और एक्सईवी 9 के 30 हजार से अधिक यूनिट बेच चुकी है, जिससे लगभग 8 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ है। सडक़ पर तेजी से बढ़ते ईवी फ्लीट को सपोर्ट देने के लिए कंपनी एक खास चार्जिंग नेटवर्क बनाने की योजना पर भी काम कर रही है। लक्ष्य 2027 तक लगभग 1 हजार चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने का है। एक्सपोर्ट के मोर्चे पर जेजुरीकर का कहना है कि कंपनी सावधानी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, हमारे पास इलेक्ट्रिक एसयूवी पोर्टफोलियो के लिए एक्सपोर्ट्स की स्ट्रेटेजी है लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से अपनाया जाएगा। पहले राइट-हैंड ड्राइव बाजारों पर फोकस रहेगा और फीडबैक के आधार पर ही लेफ्ट-हैंड ड्राइव बाजारों में विस्तार पर फैसला लिया जाएगा। कंपनी भविष्य में बैटरी निपटान (एंड-ऑफ-लाइफ) की जरूरतों पर भी काम कर रही है। जेजुुरीकर ने बताया कि कंपनी बहुत गंभीरता से बैटरी रीसाइकलिंग समाधान पर ध्यान दे रही है, क्योंकि इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर बिजनस की पुरानी बैटरियां बड़ी मात्रा में वापस आने लगेंगी। जेजुरीकर के अनुसार एक्सईवी 9एस के सभी ट्रिम्स सरकार की पीएलआई (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम के लिए योग्य हैं। इसके लिए सर्टिफिकेशन प्रक्रिया में प्रत्येक सप्लायर स्तर पर वैल्यू ऐडिशन का सर्टिफिकेट देना होता है।

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महिंद्रा का महीने में 7 हजार ईवी बेचने का टार्गेट

 महिंद्रा एंड महिंद्रा इस वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों पर बड़ा दांव लगा रही है। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष के अंत तक इलेक्ट्रिक वेहीकल सेल्स लगभग 7 हजार यूनिट प्रति माह तक पहुंचाने का है। फिलहाल कंपनी हर महीने 4,000-5,000 ईवी बेच रही है, लेकिन पोर्टफोलियो का विस्तार और प्रोडक्शन कैपेसिटी बढऩे के कारण कंपनी सेल्स वॉल्यूम में तेज ग्रोथ की उम्मीद लेकर चल रही है। इस बढ़त में सबसे बड़ा योगदान नई 7-सीटर एक्सईवी 9एस के लॉन्च से आएगा। इस मॉडल के साथ महिंद्रा 2027-28 तक उसकी कुल सेल्स में ईवी का शेयर 25 परसेंट तक पहुंचाना चाहती है। कंपनी के ऑटो एंड फार्म सेक्टर्स के एक्जेक्टिव डायरेक्टर और सीईओ राजेश जेजुरीकर के अनुसार, कंपनी मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता तेजी से बढ़ा रही है। उन्होंने कहा हम इलेक्ट्रिक वाहनों की ऑपरेटिंग उत्पादन क्षमता को वित्त वर्ष के अंत तक 8 हजार यूनिट प्रति माह तक ले जा रहे हैं और सेल्स 7 हजार यूनिट्स प्रतिमाह रहने की उम्मीद हैं। महिंद्रा अपने बॉर्न-इलेक्ट्रिक मॉडल्स का उत्पादन चाकन प्लांट में करती है, जहां कैपेसिटी लगातार बढ़ाई जा रही है। पिछले 7 महीनों में ही महिंद्रा बीई 6 और एक्सईवी 9 के 30 हजार से अधिक यूनिट बेच चुकी है, जिससे लगभग 8 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ है। सडक़ पर तेजी से बढ़ते ईवी फ्लीट को सपोर्ट देने के लिए कंपनी एक खास चार्जिंग नेटवर्क बनाने की योजना पर भी काम कर रही है। लक्ष्य 2027 तक लगभग 1 हजार चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने का है। एक्सपोर्ट के मोर्चे पर जेजुरीकर का कहना है कि कंपनी सावधानी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, हमारे पास इलेक्ट्रिक एसयूवी पोर्टफोलियो के लिए एक्सपोर्ट्स की स्ट्रेटेजी है लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से अपनाया जाएगा। पहले राइट-हैंड ड्राइव बाजारों पर फोकस रहेगा और फीडबैक के आधार पर ही लेफ्ट-हैंड ड्राइव बाजारों में विस्तार पर फैसला लिया जाएगा। कंपनी भविष्य में बैटरी निपटान (एंड-ऑफ-लाइफ) की जरूरतों पर भी काम कर रही है। जेजुुरीकर ने बताया कि कंपनी बहुत गंभीरता से बैटरी रीसाइकलिंग समाधान पर ध्यान दे रही है, क्योंकि इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर बिजनस की पुरानी बैटरियां बड़ी मात्रा में वापस आने लगेंगी। जेजुरीकर के अनुसार एक्सईवी 9एस के सभी ट्रिम्स सरकार की पीएलआई (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम के लिए योग्य हैं। इसके लिए सर्टिफिकेशन प्रक्रिया में प्रत्येक सप्लायर स्तर पर वैल्यू ऐडिशन का सर्टिफिकेट देना होता है।


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