चीन की दिग्गज ईवी कंपनी बीवाईडी के शेयरों में तेज गिरावट आई है। पिछले एक सप्ताह में कंपनी के शेयरों में 17 परसेंट से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इसकी मुख्य वजह है कि बीवाईडी द्वारा की गई कीमतों में भारी कटौती। जिससे ना केवल चीन के ईवी मार्केट में गलाकाट कंपीटिशन चल रहा है बल्कि चीनी ईवी इंडस्ट्री के लिए बड़ा खतरा बन गया है। बीवाईडी ने मई 2025 में 3,82,476 गाडिय़ां बेचीं जो कंपनी का अब तक का सबसे अच्छा मासिक प्रदर्शन रहा है। लेकिन साल-दर-साल आधार पर सिर्फ 15 परसेंट की ग्रोथ हुई और यह अगस्त 2020 के बाद से सबसे धीमी ग्रोथ है। सिटी ग्रुप के एनेलिस्ट्स के अनुसार बीवाईडी ने अप्रैल में प्राइस में 34 परसेंट तक की कटौती की थी, जिससे डीलरशिप ट्रैफिक में 30-40 परसेंट तक की ग्रोथ हुई है। बीवाईडी के प्राइस अटैक को देखते हुए अन्य ईवी कंपनियों लीपमोटर और गीली ऑटोमोबाइल को भी प्राइस घटानी पड़ी हैं। हालांकि यह भारी छूट कुछ कंपीटिटर कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। लीपमोटर की सेल्स मई में 148 परसेंट ग्रोथ के साथ 45,067 यूनिट्स रही जबकि गीली ऑटो की डिलीवरी 46 परसेंट बढक़र 2,35,208 तक पहुंच गईं। एक्सपेंग की सेल्स भी मई में तीन गुना बढ़ी है। हालांकि सरकार ने इस ...चूहा-दौड़ प्रतिस्पर्धा... की आलोचना की और चेतावनी देते हुए कहा कि प्राइस वॉर सप्लाई चेन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। कम प्राइस और पूअर क्वॉलिटी वाले मेड-इन-चाइना प्रॉडक्ट्स अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पिछले सप्ताह चीन के ऑटोमोबाइल उद्योग संघ ने भी चेतावनी दी कि ऐसे मुकाबले से प्रॉफिट मार्जिन घटेगा, प्रॉडक्ट क्वॉलिटी पर असर पड़ेगा और इंडस्ट्री की हेल्थी ग्रोथ में बाधा आएगी। चीन के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी ऑटो सैक्टर में मचे घमासान पर लगाम लगाने और कंज्यूमर राइट्स की रक्षा करने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही। वर्ष 2025 में जनवरी से मई के बीच बीवाईडी ने 17.6 लाख यूनिट्स बेची हैं जबकि इसका साल भर का टार्गेट 55 लाख यूनिट्स के लेवल पर पहुंचने का है। मॉर्गन स्टेनली के एनेलिस्ट्स के अनुसार 55 लाख यूनिट्स के टार्गेट तक पहुंचने के लिए कंपनी को बाकी साल में हर महीने औसत 5.34 लाख यूनिट्स बेचनी होंगी। रोचक यह है कि मई में पहली बार बीवाईडी की बैटरी इलेक्ट्रिक वेहीकल्स की सेल्स 2,04,369 यूनिट्स रही जो उसकी प्लग-इन हाइब्रिड वेहीकल्स की 1,72,561 यूनिट्स की सेल्स से अधिक रही। कंपनी ने अकेले मई में 89 हजार गाडिय़ों को एक्सपोर्ट किया है।