ज्यादातर डिलिवरी प्लेटफॉर्म पर टिप का भी फीचर है। जैसे ही आप पेमेंट करने को होते हैं एड...20,30,50 रुपीज ए•ा टिप। वैसे इतनी रकम कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन ऊबर ने एडवांस टिप का फीचर ही एड कर दिया है। जिसमें कहा गया है फोर फास्टर पिकअप एड एडवांस टिप...यानी आपको जल्दी पिकअप चाहिए तो एडवांस टिप दें। लेकिन इस फीचर के लिए ऊबर अब फंस गई है। दो दिन पहले कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी ने सोशियल मीडिया एक्स पोस्ट में इसकी आलोचना करते हुए कहा कि मामले को जांच के लिए सौंप दिया गया है। इस नए फीचर के जरिए ऊबर एप राइड बुक करते समय 50 रुपए, 75 रुपए या 100 रुपए की टिप जोडऩे के लिए कहता है। ऊबर को एडवांस टिप फीचर को लेकर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यूजर्स का आरोप है कि राइड-हेलिंग कंपनी जल्दी राइड बुक करने की आड़ में अपने ग्राहकों को पैसा ऐंठने के तरीके तलाश रही है। कंपनी का कहना है कि एडवांस टिप से कैब या बाइक राइडर बुकिंग को जल्दी एक्सैप्ट कर लेते हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने इस मामले में ऊबर को नोटिस भेजा है। प्रल्हाद जोशी खुद इसे अनैतिक और शोषणकारी कह चुके हैं। उनके अनुसार टिप सर्विस पूरी हो जाने पर एप्रीसिएशन यानी प्रशंसा के रूप में दी जाती है। उबर एप यूजर्स को बताता है कि टिप जोडऩे से ड्राइवर के ट्रिप एक्सेप्ट करने की संभावना बढ़ सकती है। एप यह भी कहता है कि एक बार टिप जोडऩे के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है और यह पूरी टिप ड्राइवर को ही मिलती है। यूजर्स का आरोप है कि ऊबर के इस फीचर को एक्टिव कर देने के बाद ड्राइवर अब रेगुलर किराए की ट्रिप को एक्सैप्ट ही नहीं कर रहे हैं और यूजर को ज्यादा पेमेंट करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि कंपनी चाहती है कि यूजर ज्यादा पैसे दें ताकि बुकिंग को कोई स्वीकार कर ले। आप जानते हैं कि ओला-ऊबर आदि कैब और बाइक राइड सर्विस के साथ ही ज्यादातर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एंड्रॉइड फोन यूजर के लिए अलग प्राइस दिखाते हैं और एपल यूजर के लिए अलग। यह मामला पहले ही सीसीपीए के पास है और इसकी जांच चल रही है।