भारत का रक्षा उत्पादन वित्त वर्ष 2029-30 तक 3 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से दी गई। साउथ जोन क्वालिटी एश्योरेंस इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 2025 में रक्षा उत्पादन के सचिव संजीव कुमार ने कहा कि भारत में रक्षा उत्पादन वित्त वर्ष 2024-25 में 1.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 के आंकड़े 46,000 करोड़ रुपए से 174 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 25 में देश ने 25,000 करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादों का एक्सपोर्ट किया था और अगले पांच वर्षों में इसके दोगुना होने की उम्मीद है। सचिव ने कहा कि हमने स्वदेशीकरण में एक बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है और हमें पता है कि आने वाले समय में कहां पहुंचना है। भारतीय नौसेना इस वर्ष भारत में डिजाइन व निर्मित 10 जहाजों को शामिल कर रही है और अगले वर्ष 10 और जहाजों को शामिल करेगी। हमारा उद्देश्य दो दशकों में भारत को जहाज निर्माण में विश्व का अग्रणी देश बनाना है। सरकार की पूर्वी और पश्चिमी तटों पर बड़े जहाज निर्माण पार्क स्थापित करने की योजना है और मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड के लिए 25,000 करोड़ रु. आवंटित किए गए हैं। देश समुद्री जहाज निर्माण इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। बीते कुछ वर्षों में रक्षा बजट में भी वृद्धि दर्ज की गई है। देश का रक्षा बजट 2013-14 के 2.53 लाख करोड़ रुपए से बढक़र चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 6.81 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। बयान के अनुसार, देश के कुल रक्षा उत्पादन में डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (डीपीएसयूज) और दूसरे पीएसयू की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी है।