TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

04-12-2025

इंडिया का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 4 वर्षों में बढ़ा 115 प्रतिशत

  •  भारत का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन बीते चार वित्त वर्ष में करीब 115 प्रतिशत या 5,29,048 करोड़ रुपए बढक़र वित्त वर्ष 2024-25 में 9,86,767 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में 4,57,719 करोड़ रुपए था। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई। केंद्रीय वित्तीय राज्य मंत्री ने राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि नेट प्रॉफिट मार्जिन प्री-कोविड अवधि से ज्यादा हो गया है। कॉरपोरेट मुनाफा वित्त वर्ष 2024-25 में बढक़र 7.1 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में 2.5 लाख करोड़ रुपए था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में वृद्धि दर, निवेश और नौकरियों के अवसर पैदा करने के लिए 2016 के बाद से कॉरपोरेट टैक्स में काफी कमी की गई है। इसके साथ ही, टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए कॉरपोरेट्स को मिलने वाली छूट और इंसेंटिव को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया गया है। फाइनेंस एक्ट, 2016 ने कॉर्पोरेट टैक्स दर को कंपनी की कुल आय का 29 प्रतिशत कर दिया था। फिर, फाइनेंस एक्ट, 2017 के तहत, कॉर्पोरेट टैक्स दर को कंपनी की कुल आय का 25 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे 50 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर वाली छोटी घरेलू कंपनियों को अधिक लाभकारी बनाया जा सके और फर्मों को कंपनी फॉर्मेट में माइग्रेट करने के लिए बढ़ावा दिया जा सके। 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स दर को घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के विभिन्न वैधानिक, प्रशासनिक और प्रवर्तन कदमों के कारण देश का टैक्स आधार बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि भारतीय बैंकों ने बीते तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लोगों को वापस कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 30 जून, 2025 तक, सरकारी बैंकों ने इस फंड में 58,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की है, जिसमें अकेले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी 19,330 करोड़ रुपए है। निजी बैंकों की ओर से इस फंड में 9,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।

Share
इंडिया का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 4 वर्षों में बढ़ा 115 प्रतिशत

 भारत का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन बीते चार वित्त वर्ष में करीब 115 प्रतिशत या 5,29,048 करोड़ रुपए बढक़र वित्त वर्ष 2024-25 में 9,86,767 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में 4,57,719 करोड़ रुपए था। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई। केंद्रीय वित्तीय राज्य मंत्री ने राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि नेट प्रॉफिट मार्जिन प्री-कोविड अवधि से ज्यादा हो गया है। कॉरपोरेट मुनाफा वित्त वर्ष 2024-25 में बढक़र 7.1 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में 2.5 लाख करोड़ रुपए था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में वृद्धि दर, निवेश और नौकरियों के अवसर पैदा करने के लिए 2016 के बाद से कॉरपोरेट टैक्स में काफी कमी की गई है। इसके साथ ही, टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए कॉरपोरेट्स को मिलने वाली छूट और इंसेंटिव को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया गया है। फाइनेंस एक्ट, 2016 ने कॉर्पोरेट टैक्स दर को कंपनी की कुल आय का 29 प्रतिशत कर दिया था। फिर, फाइनेंस एक्ट, 2017 के तहत, कॉर्पोरेट टैक्स दर को कंपनी की कुल आय का 25 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे 50 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर वाली छोटी घरेलू कंपनियों को अधिक लाभकारी बनाया जा सके और फर्मों को कंपनी फॉर्मेट में माइग्रेट करने के लिए बढ़ावा दिया जा सके। 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स दर को घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के विभिन्न वैधानिक, प्रशासनिक और प्रवर्तन कदमों के कारण देश का टैक्स आधार बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि भारतीय बैंकों ने बीते तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लोगों को वापस कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 30 जून, 2025 तक, सरकारी बैंकों ने इस फंड में 58,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की है, जिसमें अकेले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी 19,330 करोड़ रुपए है। निजी बैंकों की ओर से इस फंड में 9,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news