अमेरिकी डॉलर की बिक्री और प्रतिभूतियों से हुई ब्याज आय की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को रिकॉर्ड 2.7 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक लाभांश देने की घोषणा की है। विश्लेषकों ने यह बात कही। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा की। इससे सरकार को अमेरिकी शुल्क और पाकिस्तान के साथ संघर्ष के कारण रक्षा पर खर्च में वृद्धि से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 616वीं बैठक में लाभांश भुगतान पर निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की। ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड महामारी के बाद के वर्षों से आरबीआई सरकार को अधिक से अधिक अधिशेष हस्तांतरण कर रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने 2024-25 के लिए आकस्मिक जोखिम बफर को सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद इस बार अधिशेष हस्तांतरण बढ़ा है। केयरएज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल की तुलना में केंद्रीय बैंक ने अधिक लाभांश दिया है। हालांकि, यह बाजार उम्मीदों से कम है। बाजार आरबीआई से सरकार को तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के लाभांश की उम्मीद कर रहा था।