एक्सपोर्टर्स ने कहा कि अमेरिका के जवाबी शुल्कों को 90 दिन के लिए टालने से बड़ी राहत मिली है। साथ ही इससे भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाने का रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते के लिए कूटनीतिक भागीदारी और तेजी से बातचीत करने से भारत को इन शुल्कों से निपटने में मदद मिलेगी। इंडियन एक्सपोर्ट संगठनों के महासंघ फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के प्रशासन का यह एक अच्छा फैसला है। वाणिज्य मंत्रालय ने हमें आश्वासन दिया है कि समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कदम एक रणनीतिक विराम को दर्शाता है जिसका उद्देश्य संभावित समाधानों के लिए राह बनाते हुए तत्काल आर्थिक नुकसान से बचना है। रल्हन ने कहा, यह हमारे एक्सपोर्टर्स के लिए बड़ी राहत है। जवाबी शुल्क को 90 दिन के लिए टालने से कूटनीतिक जुड़ाव और व्यापार वार्ता के लिए महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध हुआ है। अमेरिका के निर्णय का स्वागत करते हुए मुंबई स्थित एक्सपोर्टक एस. के. सराफ ने कहा कि भारतीय उद्योग को चीन पर उच्च शुल्क का लाभ उठाना चाहिए, क्योंकि इससे वह सस्ती कीमतों पर मध्यवर्ती वस्तुओं का आयात कर सकता है और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे सकता है। अमेरिका को एक्सपोर्ट करने वाले सराफ ने कहा, मिसाल के तौर पर वस्त्र उद्योग में हम चीन से विभिन्न प्रकार के धागे आयात कर सकते हैं और एक्सपोर्ट के लिए वस्त्र तैयार कर सकते हैं।