भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड द्वारा रीट और इनविट में निवेश की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। बाजार नियामक ने यह प्रस्ताव ‘निवेश के अधिक अवसर उपलब्ध कराने और ऐसी योजनाओं में और अधिक विविधता लाने’ के लिए दिया है। यदि यह प्रस्ताव लागू हो जाता है, तो इससे रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) और अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) में पूंजी प्रवाह बढऩे की भी उम्मीद है, जिससे उनका बाजार आधार और तरलता बढ़ेगी। अपने परामर्श पत्र में सेबी ने कहा कि रीट और इनविट में वर्तमान एकल जारीकर्ता और कुल मिलाकर क्रमश: पांच प्रतिशत और 10 प्रतिशत की सीमा, रीट और इनविट में परिसंपत्ति वर्ग के रूप में निवेश लेने के इच्छुक म्यूचुअल फंड को प्रतिबंधित करती है। यह देखते हुए नियामक ने म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए रीट और इनविट में निवेश अंकुशों में ढील देने का प्रस्ताव किया है। एकल जारीकर्ता सीमा को इक्विटी या ऋण माध्यमों में निवेश पर लागू समान सीमा तक संशोधित किया जाना चाहिए, जो फंड के एनएवी (शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य) का 10 प्रतिशत है। म्यूचुअल फंड के एनएवी में रीट और इनविट के लिए वर्तमान समग्र 10 प्रतिशत निवेश सीमा के संबंध में सेबी ने कहा कि इसे इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं के लिए संशोधित कर 20 प्रतिशत किया जाना चाहिए।