वैश्विक उतार-चढ़ाव और अस्थिरता के बीच भारत का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में काफी मजबूत रहा है और इस दौरान देश का एक्सपोर्ट अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर रहा है। यह जानकारी सरकार की ओर से संसद में दी गई। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर अवधि) में देश ने 418.6 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया है, जो कि पिछले साल की समान अवधि के 395.7 बिलियन डॉलर से अधिक है और यह एक्सपोर्ट का अब तक का सबसे मजबूत आंकड़ा है। मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर 2025 में हल्की गिरावट के बाद भी भारत का एक्सपोर्ट मजबूत बना हुआ है। अक्टूबर 2024 में बहुत ऊंचे आधार के कारण उस महीने एक्सपोर्ट थोड़ा कम रहा, जो देश का अब तक का सबसे अच्छा अक्टूबर एक्सपोर्ट प्रदर्शन था। मंत्री ने कहा कि भारत की एक्सपोर्ट रणनीति विश्वसनीयता, मजबूती और सक्रिय वैश्विक जुड़ाव पर आधारित है। उन्होंने कहा कि साझेदार देशों के साथ उच्च-स्तरीय यात्राएं और वार्ताएं आर्थिक संबंधों को मजबूत करती रहती हैं और दीर्घकालिक परिणाम देती हैं, भले ही अल्पकालिक उतार-चढ़ाव हों। प्रसाद ने कहा, ‘भारत के एक्सपोर्ट इकोसिस्टम को संरचनात्मक सुधारों, रसद में सुधार, बंदरगाह क्षमता के विस्तार और लक्षित एक्सपोर्ट सुविधा उपायों से लाभ हुआ है।’ उन्होंने आगे कहा कि प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम ने देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने में मदद की है। हालांकि, सर्विस एक्सपोर्ट देश के बाह्य क्षेत्र के लिए मजबूत स्तंभ बना हुआ है। व्यापार समझौतों के संबंध में, सरकार ने संसद को सूचित किया कि पिछले पांच वर्षों में पांच प्रमुख मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) और भारत-यूके व्यापार समझौता शामिल हैं।