देश में बिजली की खपत नवंबर में मामूली 0.31 प्रतिशत घटकर 123.4 बिलियन यूनिट (बीयू) रह गई। यह एक साल पहले इसी महीने में 123.79 बिलियन यूनिट थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अक्टूबर में बिजली की खपत सालाना आधार पर 5.8 प्रतिशत घटकर 131.07 बिलियन यूनिट रह गई थी। सितंबर में यह खपत बढक़र 145.66 बीयू हो गई थी जो सितंबर 2024 में 140.61 बीयू थी। विशेषज्ञों ने कहा कि अक्टूबर में देश के विभिन्न भागों में बेमौसम बारिश हुई जिससे शीतलन उपकरणों की आवश्यकता कम हो गई और नवंबर में सर्दी शुरू होने के साथ ही इनका इस्तेमाल लगभग बंद हो गया। उन्होंने कहा कि यद्यपि सर्दी का मौसम शुरू हो गया है फिर भी नवंबर के दौरान लोगों को गीजर एवं ब्लोअर जैसे ‘हीटिंग’ उपकरणों की आवश्यकता अधिक महसूस नहीं हुई। नवंबर के दौरान बिजली की अधिकतम मांग या उच्चतम आपूर्ति हालांकि नवंबर 2024 में दर्ज 207.44 गीगावाट से बढक़र 215.54 गीगावाट हो गई। मई 2024 में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। इससे पहले सर्वकालिक उच्च बिजली मांग 243.27 गीगावाट सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी। इस साल गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) में बिजली की अधिकतम मांग रिकॉर्ड 242.77 गीगावाट थी। विशेषज्ञों ने कहा कि दिसंबर के बाद बिजली की खपत और मांग स्थिर रहेगी क्योंकि पारा और नीचे गिरने के साथ ही ‘हीटिंग’ उपकरणों का उपयोग बढ़ जाएगा।