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02-12-2025

दुनिया के सबसे बड़े हथियार उत्पादकों ने पिछले साल राजस्व में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

  •  यूक्रेन और गाजा में युद्धों के साथ-साथ देशों के बढ़ते सैन्य खर्च के कारण दुनिया की सबसे बड़ी हथियार उत्पादक कंपनियों ने पिछले साल सैन्य साजो सामान की बिक्री से राजस्व में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (एसआईपीआरआई) ने कहा कि 100 सबसे बड़े हथियार निर्माताओं का राजस्व 2024 में बढक़र 679 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस वृद्धि का बड़ा हिस्सा यूरोप और अमेरिका स्थित कंपनियों के कारण था, लेकिन एशिया और ओशिनिया को छोडक़र दुनिया भर में वृद्धि हुई, वहीं चीनी हथियार उद्योग में समस्याओं के कारण मामूली गिरावट आई। शीर्ष 100 में शामिल 39 अमेरिकी कंपनियों में से 30 कंपनियों ने वृद्धि दर्ज की जिनमें लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थ्रॉप ग्रूम्मन और जनरल डायनेमिक्स शामिल हैं। उनका संयुक्त राजस्व 3.8 प्रतिशत बढक़र 334 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। हालांकि एसआईपीआरआई ने कहा कि एफ-35 लड़ाकू विमान सहित अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रमुख सैन्य साजो सामान के निर्माण में व्यापक देरी और बजट में बढ़ोतरी विकास और उत्पादन को प्रभावित कर रही है। रूस को छोडक़र यूरोप की 26 कंपनियों में से 23 ने हथियारों की बिक्री से होने वाले राजस्व में वृद्धि दर्ज की क्योंकि महाद्वीप ने इस पर खर्च बढ़ाया है। यूक्रेन में युद्ध और रूस से कथित खतरे से जुड़ी मांग के कारण उनकी कुल आय 13 प्रतिशत बढक़र 151 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई। चेक गणराज्य के चेकोस्लोवाक समूह ने उल्लेखनीय रूप से बड़ी वृद्धि दर्ज की, जिसका राजस्व 193 प्रतिशत बढ़ गया, जिसका एक कारण यूक्रेन के लिए तोप के गोले को लेकर सरकार द्वारा संचालित परियोजना थी। यूक्रेन के जेएससी यूक्रेनी रक्षा उद्योग को 41 प्रतिशत का लाभ हुआ। यूरोपीय कंपनियां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नयी उत्पादन क्षमता में निवेश कर रही हैं। हालांकि एसआईपीआरआई के शोधकर्ता जेड गुइबर्टो रिकार्ड ने एक बयान में चेताया है कि सामग्री की आपूर्ति चुनौती बन सकती है, क्योंकि चीनी एक्सपोर्ट प्रतिबंधों के मद्देनजर महत्वपूर्ण खनिजों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं का पुनर्गठन एक संभावित जटिलता हो सकती है। प्रतिबंधों के कारण कल-पुर्जे की कमी के बावजूद, एसआईपीआरआई की सूची में शामिल दो रूसी कंपनियों रोस्टेक और यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन का हथियार बिक्री का राजस्व 23 प्रतिशत बढक़र 31.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। एसआईपीआरआई ने कहा कि घरेलू मांग हथियारों के एक्सपोर्ट में गिरावट की भरपाई के लिए पर्याप्त से अधिक है, हालांकि कुशल श्रमिकों की कमी एक चुनौती है। मध्य पूर्व में हथियारों से होने वाला राजस्व भी बढ़ा, और रैंकिंग में शामिल तीन इजऱाइली कंपनियों का राजस्व 16 प्रतिशत बढक़र 16.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। एसआईपीआरआई शोधकर्ता जुबैदा करीम ने कहा कि 2024 में, गाजा में इजऱाइली कार्रवाइयों के विरोध का इजऱाइली हथियारों में रुचि पर बहुत कम प्रभाव पड़ा और कई देश नए ऑर्डर देते रहे। एशिया और ओशिनिया में राजस्व में 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसकी वजह सूचकांक में शामिल आठ चीनी कंपनियों की आय में 10 प्रतिशत की गिरावट रही। यह गिरावट ऐसे समय में हुई है जब चीनी हथियारों की खरीद में भ्रष्टाचार के कई आरोपों के कारण पिछले साल बड़े अनुबंधों में देरी हुई या उन्हें रद्द कर दिया गया।

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दुनिया के सबसे बड़े हथियार उत्पादकों ने पिछले साल राजस्व में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

 यूक्रेन और गाजा में युद्धों के साथ-साथ देशों के बढ़ते सैन्य खर्च के कारण दुनिया की सबसे बड़ी हथियार उत्पादक कंपनियों ने पिछले साल सैन्य साजो सामान की बिक्री से राजस्व में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (एसआईपीआरआई) ने कहा कि 100 सबसे बड़े हथियार निर्माताओं का राजस्व 2024 में बढक़र 679 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस वृद्धि का बड़ा हिस्सा यूरोप और अमेरिका स्थित कंपनियों के कारण था, लेकिन एशिया और ओशिनिया को छोडक़र दुनिया भर में वृद्धि हुई, वहीं चीनी हथियार उद्योग में समस्याओं के कारण मामूली गिरावट आई। शीर्ष 100 में शामिल 39 अमेरिकी कंपनियों में से 30 कंपनियों ने वृद्धि दर्ज की जिनमें लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थ्रॉप ग्रूम्मन और जनरल डायनेमिक्स शामिल हैं। उनका संयुक्त राजस्व 3.8 प्रतिशत बढक़र 334 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। हालांकि एसआईपीआरआई ने कहा कि एफ-35 लड़ाकू विमान सहित अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रमुख सैन्य साजो सामान के निर्माण में व्यापक देरी और बजट में बढ़ोतरी विकास और उत्पादन को प्रभावित कर रही है। रूस को छोडक़र यूरोप की 26 कंपनियों में से 23 ने हथियारों की बिक्री से होने वाले राजस्व में वृद्धि दर्ज की क्योंकि महाद्वीप ने इस पर खर्च बढ़ाया है। यूक्रेन में युद्ध और रूस से कथित खतरे से जुड़ी मांग के कारण उनकी कुल आय 13 प्रतिशत बढक़र 151 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई। चेक गणराज्य के चेकोस्लोवाक समूह ने उल्लेखनीय रूप से बड़ी वृद्धि दर्ज की, जिसका राजस्व 193 प्रतिशत बढ़ गया, जिसका एक कारण यूक्रेन के लिए तोप के गोले को लेकर सरकार द्वारा संचालित परियोजना थी। यूक्रेन के जेएससी यूक्रेनी रक्षा उद्योग को 41 प्रतिशत का लाभ हुआ। यूरोपीय कंपनियां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नयी उत्पादन क्षमता में निवेश कर रही हैं। हालांकि एसआईपीआरआई के शोधकर्ता जेड गुइबर्टो रिकार्ड ने एक बयान में चेताया है कि सामग्री की आपूर्ति चुनौती बन सकती है, क्योंकि चीनी एक्सपोर्ट प्रतिबंधों के मद्देनजर महत्वपूर्ण खनिजों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं का पुनर्गठन एक संभावित जटिलता हो सकती है। प्रतिबंधों के कारण कल-पुर्जे की कमी के बावजूद, एसआईपीआरआई की सूची में शामिल दो रूसी कंपनियों रोस्टेक और यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन का हथियार बिक्री का राजस्व 23 प्रतिशत बढक़र 31.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। एसआईपीआरआई ने कहा कि घरेलू मांग हथियारों के एक्सपोर्ट में गिरावट की भरपाई के लिए पर्याप्त से अधिक है, हालांकि कुशल श्रमिकों की कमी एक चुनौती है। मध्य पूर्व में हथियारों से होने वाला राजस्व भी बढ़ा, और रैंकिंग में शामिल तीन इजऱाइली कंपनियों का राजस्व 16 प्रतिशत बढक़र 16.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। एसआईपीआरआई शोधकर्ता जुबैदा करीम ने कहा कि 2024 में, गाजा में इजऱाइली कार्रवाइयों के विरोध का इजऱाइली हथियारों में रुचि पर बहुत कम प्रभाव पड़ा और कई देश नए ऑर्डर देते रहे। एशिया और ओशिनिया में राजस्व में 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसकी वजह सूचकांक में शामिल आठ चीनी कंपनियों की आय में 10 प्रतिशत की गिरावट रही। यह गिरावट ऐसे समय में हुई है जब चीनी हथियारों की खरीद में भ्रष्टाचार के कई आरोपों के कारण पिछले साल बड़े अनुबंधों में देरी हुई या उन्हें रद्द कर दिया गया।


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