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06-12-2025

बजट में हेल्थ सर्विस पर खर्च बढ़ाकर जीडीपी का 2.5 प्रतिशत किया जाए : नैटहेल्थ

  •  स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय नैटहेल्थ ने सरकार से आगामी बजट में स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 प्रतिशत से अधिक करने का आग्रह किया है। नैटहेल्थ ने साथ ही गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। 10,000 रुपये तक की निवारक स्वास्थ्य जांचों पर कर कटौती की सिफारिश भी की गई। सरकार को अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में नैटहेल्थ ने कहा कि उसने स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत करने, नवाचार को बढ़ावा देने और बीमा एवं निवारक ‘कवरेज’ का विस्तार करने के लिए खाका तैयार किया है।  बयान में कहा गया कि सिफारिशों में एक मजबूत, भविष्य के लिए तैयार स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के लिए राजकोषीय सहायता, संरचनात्मक सुधारों और सार्वजनिक-निजी सहयोग के संतुलित मिश्रण का आह्वान किया गया है।  अपनी सिफारिशों में नैटहेल्थ ने इस क्षेत्र को प्रमुख बुनियादी ढांचा घोषित करने और 50,000 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य सेवा ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाने को कहा है। उसने कहा कि वर्तमान में अस्पतालों व ‘डायग्नोस्टिक नेटवर्क’ के लिए दीर्घकालिक, कम लागत वाली पूंजी तक सीमित पहुंच है। इसमें कहा गया कि नई परियोजनाओं को शुरुआत करने की अवधि लंबी होती है और इसके लिए मजबूत मध्यावधि वित्तपोषण की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय ने यह भी कहा कि भारत मौजूदा बीमारियों के बोझ के अलावा गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) में अभूतपूर्व वृद्धि से जूझ रहा है। बयान में कहा गया कि भारत में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 65 प्रतिशत जानें पुरानी बीमारियों के कारण जाती हैं। निवारक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है। निवारक जांच के प्रति अधिक ध्यान नहीं दिए जाने का दावा करते हुए नैटहेल्थ ने 10,000 रुपये तक की निवारक स्वास्थ्य जांच पर कर कटौती की सिफारिश की। नैटहेल्थ ने भारत में संचारी और गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए सरकार से ‘‘ स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ाने’’ का आग्रह किया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में सरकार का स्वास्थ्य सेवा पर खर्च देश के सकल घरेलू उत्पाद का 1.9 प्रतिशत था। इन सिफारिशों पर नैटहेल्थ की अध्यक्ष अमीरा शाह ने कहा, ‘‘देश को अपने विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण को साकार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा को राष्ट्र निर्माण के एक रणनीतिक स्तंभ के रूप में मान्यता देनी होगी। एक आत्मनिर्भर, उच्च-गुणवत्ता वाला परिवेश बनाने के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता एवं नवाचार-आधारित सुधार आवश्यक होंगे जो पहुंच का विस्तार करें और दीर्घकालिक विकास को बनाए रखे।’’

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बजट में हेल्थ सर्विस पर खर्च बढ़ाकर जीडीपी का 2.5 प्रतिशत किया जाए : नैटहेल्थ

 स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय नैटहेल्थ ने सरकार से आगामी बजट में स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 प्रतिशत से अधिक करने का आग्रह किया है। नैटहेल्थ ने साथ ही गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। 10,000 रुपये तक की निवारक स्वास्थ्य जांचों पर कर कटौती की सिफारिश भी की गई। सरकार को अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में नैटहेल्थ ने कहा कि उसने स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत करने, नवाचार को बढ़ावा देने और बीमा एवं निवारक ‘कवरेज’ का विस्तार करने के लिए खाका तैयार किया है।  बयान में कहा गया कि सिफारिशों में एक मजबूत, भविष्य के लिए तैयार स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के लिए राजकोषीय सहायता, संरचनात्मक सुधारों और सार्वजनिक-निजी सहयोग के संतुलित मिश्रण का आह्वान किया गया है।  अपनी सिफारिशों में नैटहेल्थ ने इस क्षेत्र को प्रमुख बुनियादी ढांचा घोषित करने और 50,000 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य सेवा ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाने को कहा है। उसने कहा कि वर्तमान में अस्पतालों व ‘डायग्नोस्टिक नेटवर्क’ के लिए दीर्घकालिक, कम लागत वाली पूंजी तक सीमित पहुंच है। इसमें कहा गया कि नई परियोजनाओं को शुरुआत करने की अवधि लंबी होती है और इसके लिए मजबूत मध्यावधि वित्तपोषण की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय ने यह भी कहा कि भारत मौजूदा बीमारियों के बोझ के अलावा गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) में अभूतपूर्व वृद्धि से जूझ रहा है। बयान में कहा गया कि भारत में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 65 प्रतिशत जानें पुरानी बीमारियों के कारण जाती हैं। निवारक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है। निवारक जांच के प्रति अधिक ध्यान नहीं दिए जाने का दावा करते हुए नैटहेल्थ ने 10,000 रुपये तक की निवारक स्वास्थ्य जांच पर कर कटौती की सिफारिश की। नैटहेल्थ ने भारत में संचारी और गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए सरकार से ‘‘ स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ाने’’ का आग्रह किया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में सरकार का स्वास्थ्य सेवा पर खर्च देश के सकल घरेलू उत्पाद का 1.9 प्रतिशत था। इन सिफारिशों पर नैटहेल्थ की अध्यक्ष अमीरा शाह ने कहा, ‘‘देश को अपने विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण को साकार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा को राष्ट्र निर्माण के एक रणनीतिक स्तंभ के रूप में मान्यता देनी होगी। एक आत्मनिर्भर, उच्च-गुणवत्ता वाला परिवेश बनाने के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता एवं नवाचार-आधारित सुधार आवश्यक होंगे जो पहुंच का विस्तार करें और दीर्घकालिक विकास को बनाए रखे।’’


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