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02-08-2025

कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 20 लाख स्किल्ड कर्मचारियों की कमी

  •  रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नारेडको के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि देश में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में वर्तमान में 20 लाख स्किल्ड कर्मचारियों की कमी है जिसे दूर करने और युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत चल रही है। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के 29-30 अगस्त को दिल्ली में होने वाले 17वें राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए हीरानंदानी ने यह भी कहा कि देश में किफायती मकानों की बिक्री में कमी चिंता का विषय है और इसके बारे में सभी पक्षों को काम करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि जहां देश में लक्जरी मकानों की बिक्री बढ़ रही है वहीं 50 लाख से 80 लाख रुपये की कीमत वाले मकानों की आपूर्ति घट गई है। सीबीआरई-एसोचैम की हाल में जारी एक रिपोर्ट कहती है कि देश के सात प्रमुख शहरों में छह करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री इस साल की पहली छमाही में 85 प्रतिशत बढक़र करीब 7,000 इकाई रही। इसमें दिल्ली-एनसीआर की हिस्सेदारी सर्वाधिक 57 प्रतिशत जबकि मुंबई की 29 प्रतिशत रही।  इसके साथ ही हीरानंदानी ने कहा, ‘‘वर्तमान में देश में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 20 लाख स्किल्ड कर्मचारियों की कमी है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो अगले पांच साल में बढक़र यह संख्या 50 लाख हो जाएगी।’’  स्किल्ड कर्मचारियों की कमी के बारे में नारेडको के अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, ‘‘हम कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में स्किल्ड कर्मचारियों की कमी की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकारों से बातचीत कर रहे हैं और उनसे जगह तथा अन्य समर्थन की मांग कर रहे है। आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों से इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।’’ हरि बाबू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नारेडको के पास इसका पाठ्यक्रम है और वह युवाओं को कंस्ट्रक्शन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में जरूरी परीक्षण दे सकता है। सस्ते मकान के बारे में हीरानंदानी ने कहा कि जमीन की बढ़ती कीमत सस्ते मकानों की राह में सबसे बड़ी बाधा है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा, ऊंची ब्याज दर भी एक मुद्दा है। इस बारे में हरि बाबू ने कहा कि शहरी एवं मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए खास सब्सिडी और आय पात्रता स्लैब के संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यक्रमों का पुनरुद्धार एवं विस्तार महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज दर कम करने से भी घर खरीदने में काफी प्रोत्साहन मिलेगा। हीरानंदानी ने कहा कि नारेडको के राष्ट्रीय सम्मेलन में इन सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।  इस महीने के अंत में होने वाले इस सम्मेलन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे। इसमें विभिन्न राज्यों के मंत्रियों एवं अधिकारियों समेत 800 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।

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कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 20 लाख स्किल्ड कर्मचारियों की कमी

 रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नारेडको के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि देश में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में वर्तमान में 20 लाख स्किल्ड कर्मचारियों की कमी है जिसे दूर करने और युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत चल रही है। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के 29-30 अगस्त को दिल्ली में होने वाले 17वें राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए हीरानंदानी ने यह भी कहा कि देश में किफायती मकानों की बिक्री में कमी चिंता का विषय है और इसके बारे में सभी पक्षों को काम करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि जहां देश में लक्जरी मकानों की बिक्री बढ़ रही है वहीं 50 लाख से 80 लाख रुपये की कीमत वाले मकानों की आपूर्ति घट गई है। सीबीआरई-एसोचैम की हाल में जारी एक रिपोर्ट कहती है कि देश के सात प्रमुख शहरों में छह करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री इस साल की पहली छमाही में 85 प्रतिशत बढक़र करीब 7,000 इकाई रही। इसमें दिल्ली-एनसीआर की हिस्सेदारी सर्वाधिक 57 प्रतिशत जबकि मुंबई की 29 प्रतिशत रही।  इसके साथ ही हीरानंदानी ने कहा, ‘‘वर्तमान में देश में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 20 लाख स्किल्ड कर्मचारियों की कमी है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो अगले पांच साल में बढक़र यह संख्या 50 लाख हो जाएगी।’’  स्किल्ड कर्मचारियों की कमी के बारे में नारेडको के अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, ‘‘हम कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में स्किल्ड कर्मचारियों की कमी की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकारों से बातचीत कर रहे हैं और उनसे जगह तथा अन्य समर्थन की मांग कर रहे है। आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों से इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।’’ हरि बाबू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नारेडको के पास इसका पाठ्यक्रम है और वह युवाओं को कंस्ट्रक्शन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में जरूरी परीक्षण दे सकता है। सस्ते मकान के बारे में हीरानंदानी ने कहा कि जमीन की बढ़ती कीमत सस्ते मकानों की राह में सबसे बड़ी बाधा है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा, ऊंची ब्याज दर भी एक मुद्दा है। इस बारे में हरि बाबू ने कहा कि शहरी एवं मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए खास सब्सिडी और आय पात्रता स्लैब के संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यक्रमों का पुनरुद्धार एवं विस्तार महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज दर कम करने से भी घर खरीदने में काफी प्रोत्साहन मिलेगा। हीरानंदानी ने कहा कि नारेडको के राष्ट्रीय सम्मेलन में इन सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।  इस महीने के अंत में होने वाले इस सम्मेलन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे। इसमें विभिन्न राज्यों के मंत्रियों एवं अधिकारियों समेत 800 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।


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