गारमेंट एक्सपोर्ट संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माना लगाने की घोषणा से भारत से गारमेंट एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है। एईपीसी ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा से एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि 25 प्रतिशत का टैरिफ अनुमान से अधिक है, लेकिन उद्योग को तबतक अधिक चिंतित नहीं होना चाहिए जबतक वियतनाम और बांग्लादेश के टैरिफ को वर्तमान स्तर से नीचे संशोधित नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा होने तक गारमेंट एक्सपोर्ट में मंदी रहने की उम्मीद है, जिसके अक्टूबर-दिसंबर 2025 में संपन्न होने की उम्मीद है। जुर्माना एक अस्पष्ट क्षेत्र है और उम्मीद है कि भारत सरकार एक अगस्त, 2025 से पहले अमेरिका के साथ इस पर बातचीत करेगी। अमेरिका भारतीय सिले-सिलाए गारमेंटों के एक्सपोर्ट के लिए एक प्रमुख बाजार है। पिछले साल भारत के कुल गारमेंट एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत रही थी। अमेरिकी गारमेंट इंपोर्ट बाजार में भारत की उपस्थिति बढ़ी है। भारत की हिस्सेदारी 2020 के 4.5 प्रतिशत से बढक़र 2024 में 5.8 प्रतिशत हो गई है, और यह अमेरिका के शीर्ष सिले-सिलाए गारमेंट एक्सपोर्टर्स में चौथे स्थान पर है। अमेरिका का शीर्ष एक्सपोर्टर चीन बना हुआ है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 2024 में 21.9 प्रतिशत रही थी, जो 2020 में 27.4 प्रतिशत थी। चीन, वियतनाम और बांग्लादेश ने मिलकर 2024 में अमेरिकी गारमेंट इंपोर्ट में 49 प्रतिशत की आपूर्ति की। भारत द्वारा अमेरिका को सर्वाधिक एक्सपोर्ट किये जाने वाले शीर्ष तीन उत्पाद हैं सूती टी-शर्ट, महिलाओं या लड़कियों के सूती कपड़े, तथा शिशुओं के सूती वस्त्र।