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01-08-2025

अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ की घोषणा पर यूं बोले बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन

  •  फेडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स (FORE) के अध्यक्ष और राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के पूर्व  चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के  एक्सपोर्ट पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ के संबंध में गहरी चिंता जताई है। इस टैरिफ के लागू होने से इंडिया की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से एक्सपोर्ट-उन्मुख उद्योगों जैसे रत्न-आभूषण और टेक्सटाइल व गारमेंट सेक्टर पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पडऩे की आशंका है। अरोड़ा ने भारत सरकार से तत्काल और प्रभावी कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से इस टैरिफ को कम करने की अपील की है ताकि भारतीय निर्यातकों और लाखों नौकरियों को बचाया जा सके। अरोड़ा ने अपने बयान में कहा, 2024 में इंडिया ने अमेरिका को 87.4 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया था, जो हमारे कुल एक्सपोर्ट का लगभग 18 फीसदी है। अमेरिका द्वारा लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में महंगा कर देगा, जिससे हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता कम होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस टैरिफ से इंडिया के एक्सपोर्ट में 2 से 7 अरब डॉलर की कमी आ सकती है। उन्होंने कहा, इस टैरिफ से न केवल एक्सपोर्ट घाटे का खतरा है, बल्कि लाखों नौकरियां, विशेष रूप से राजस्थान जैसे राज्यों में जहां रत्न-आभूषण और कपड़ा उद्योग बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान करते हैं, खतरे में पड़ सकती हैं। यदि समय रहते इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो छोटे और मझोले उद्यमों पर भारी दबाव पड़ेगा, जिससे बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। संतुलित ट्रेड एग्रीमेंट पर जोर देने का किया आग्रह अरोड़ा ने भारत सरकार से अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ता को तेज करने और एक संतुलित व्यापार समझौते पर जोर देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हमारी सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए। इंडिया और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए रचनात्मक संवाद जरूरी है। हम विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत अपने हितों की रक्षा करते हुए टैरिफ में छूट या अन्य रियायतें हासिल कर सकते हैं। अरोड़ा ने यह भी रेखांकित किया कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में इंडिया की स्थिति को बनाए रखने के लिए सरकार को उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं को और मजबूत करना चाहिए, ताकि निर्यातकों को राहत मिले। उन्होंने इंडियन निर्यातकों से भी नवाचार और नए बाजारों की खोज के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

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अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ की घोषणा पर यूं बोले बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन

 फेडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स (FORE) के अध्यक्ष और राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के पूर्व  चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के  एक्सपोर्ट पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ के संबंध में गहरी चिंता जताई है। इस टैरिफ के लागू होने से इंडिया की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से एक्सपोर्ट-उन्मुख उद्योगों जैसे रत्न-आभूषण और टेक्सटाइल व गारमेंट सेक्टर पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पडऩे की आशंका है। अरोड़ा ने भारत सरकार से तत्काल और प्रभावी कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से इस टैरिफ को कम करने की अपील की है ताकि भारतीय निर्यातकों और लाखों नौकरियों को बचाया जा सके। अरोड़ा ने अपने बयान में कहा, 2024 में इंडिया ने अमेरिका को 87.4 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया था, जो हमारे कुल एक्सपोर्ट का लगभग 18 फीसदी है। अमेरिका द्वारा लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में महंगा कर देगा, जिससे हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता कम होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस टैरिफ से इंडिया के एक्सपोर्ट में 2 से 7 अरब डॉलर की कमी आ सकती है। उन्होंने कहा, इस टैरिफ से न केवल एक्सपोर्ट घाटे का खतरा है, बल्कि लाखों नौकरियां, विशेष रूप से राजस्थान जैसे राज्यों में जहां रत्न-आभूषण और कपड़ा उद्योग बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान करते हैं, खतरे में पड़ सकती हैं। यदि समय रहते इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो छोटे और मझोले उद्यमों पर भारी दबाव पड़ेगा, जिससे बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। संतुलित ट्रेड एग्रीमेंट पर जोर देने का किया आग्रह अरोड़ा ने भारत सरकार से अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ता को तेज करने और एक संतुलित व्यापार समझौते पर जोर देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हमारी सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए। इंडिया और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए रचनात्मक संवाद जरूरी है। हम विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत अपने हितों की रक्षा करते हुए टैरिफ में छूट या अन्य रियायतें हासिल कर सकते हैं। अरोड़ा ने यह भी रेखांकित किया कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में इंडिया की स्थिति को बनाए रखने के लिए सरकार को उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं को और मजबूत करना चाहिए, ताकि निर्यातकों को राहत मिले। उन्होंने इंडियन निर्यातकों से भी नवाचार और नए बाजारों की खोज के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।


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