TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

08-12-2025

सोलर में ओवरसप्लाई, सरकार ने फंडिंग पर लगाए ब्रेक ?

  •  भारत के क्लीन एनर्जी मंत्रालय ने बैंकों और अन्य ऋणदाताओं से आग्रह किया है कि वे नई सोलर फोटो वोल्टाइक (पीवी) मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को सतर्कता के साथ फंड करें। मंत्रालय के एक पत्र ओवरसप्लाई के रिस्क की बात कही है। पिछले तीन वर्ष में कई भारतीय कंपनियों ने सोलर मॉड्यूल क्षमता का विस्तार किया है जिनमें से ज्यादातर का टार्गेट अमेरिका को एक्सपोर्ट करना था। लेकिन यूएस में ऊंचे टैरिफ और भारतीय कंपनियों के एक्सपोर्ट आइटम्स में चीनी कंपोनेंट की जांच बढऩे के कारण एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ है। नतीजतन ये कनसाइनमेंट भारत में खपाई जा रही है जिससे ओवरसप्लाई की आशंका बढ़ी है। वैसे भी नए सोलर प्रोजेक्ट इंस्टॉलेशन की डिमांड घट रही है। ग्रीन मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कहा कि वह ऋणदाताओं को स्टैंडअलोन सोलर पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को सतर्कता के साथ फाइनेंस करे। यह पहली बार है जब भारत के क्लीन एनर्जी मंत्रालय ने स्थानीय सोलर मार्केट में सोलर मॉड्यूल की ओवरसप्लाई के रिस्क की बात को स्वीकार किया है। मंत्रालय के अनुसार, भारत की सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी अगले कुछ वर्ष में एक-तिहाई बढक़र 200 गीगावॉट तक पहुंच सकती है, जबकि सोलर सेल उत्पादन लगभग चार गुना बढक़र 100 गीगावॉट हो सकता है—जो स्थानीय मांग से कहीं ज्यादा है। मंत्रालय ने सुझाव दिया कि बैंक उन इंटीग्रेटेड सुविधाओं को प्राथमिकता दें जो सोलर सेल, इंगट, वेफर और पॉलीसिलिकॉन का उत्पादन कर रहे हैं।

Share
सोलर में ओवरसप्लाई, सरकार ने फंडिंग पर लगाए ब्रेक ?

 भारत के क्लीन एनर्जी मंत्रालय ने बैंकों और अन्य ऋणदाताओं से आग्रह किया है कि वे नई सोलर फोटो वोल्टाइक (पीवी) मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को सतर्कता के साथ फंड करें। मंत्रालय के एक पत्र ओवरसप्लाई के रिस्क की बात कही है। पिछले तीन वर्ष में कई भारतीय कंपनियों ने सोलर मॉड्यूल क्षमता का विस्तार किया है जिनमें से ज्यादातर का टार्गेट अमेरिका को एक्सपोर्ट करना था। लेकिन यूएस में ऊंचे टैरिफ और भारतीय कंपनियों के एक्सपोर्ट आइटम्स में चीनी कंपोनेंट की जांच बढऩे के कारण एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ है। नतीजतन ये कनसाइनमेंट भारत में खपाई जा रही है जिससे ओवरसप्लाई की आशंका बढ़ी है। वैसे भी नए सोलर प्रोजेक्ट इंस्टॉलेशन की डिमांड घट रही है। ग्रीन मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कहा कि वह ऋणदाताओं को स्टैंडअलोन सोलर पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को सतर्कता के साथ फाइनेंस करे। यह पहली बार है जब भारत के क्लीन एनर्जी मंत्रालय ने स्थानीय सोलर मार्केट में सोलर मॉड्यूल की ओवरसप्लाई के रिस्क की बात को स्वीकार किया है। मंत्रालय के अनुसार, भारत की सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी अगले कुछ वर्ष में एक-तिहाई बढक़र 200 गीगावॉट तक पहुंच सकती है, जबकि सोलर सेल उत्पादन लगभग चार गुना बढक़र 100 गीगावॉट हो सकता है—जो स्थानीय मांग से कहीं ज्यादा है। मंत्रालय ने सुझाव दिया कि बैंक उन इंटीग्रेटेड सुविधाओं को प्राथमिकता दें जो सोलर सेल, इंगट, वेफर और पॉलीसिलिकॉन का उत्पादन कर रहे हैं।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news