केंद्र सरकार ड्राइवरों को ओला, ऊबर जैसे प्राइवेट प्लेटफॉर्म से मुक्ति दिलाने के लिए जल्द ही भारत टेक्सी नाम से एक सहकारी-संचालित राइड-हेलिंग एप लॉन्च करने जा रही है। इस एप का उद्देश्य ड्राइवरों की प्राइवेट ऐग्रीगेटर कंपनियों पर निर्भरता कम करने में मदद करना है। भारत टेक्सी जीरो कमिशन मॉडल पर चलेगी और इसमें प्राइवेट कैब के उलट पारदर्शी किराया दिखेगा। यह एप अनेक भाषाओं को सपोर्ट करता है। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि यह एप सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसे 6 जून 2025 को मल्टी-स्टेट सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत हुई है। शाह ने कहा, सरकार का यह प्रस्ताव देश के व्यावसायिक वाहन चालकों को निजी कंपनियों की निर्भरता से मुक्त करने में सहायक होगा। इस एप में यूजर-फ्रेंडली बुकिंग, वेहीकल ट्रेकिंग, 24/7 ग्राहक सेवा, सुरक्षित ऑनबोर्डिंग और तकनीक-आधारित सुरक्षा उपाय जैसी सुविधाएं शामिल होंगी, जिनका लक्ष्य नागरिकों के लिए सुलभ और विश्वसनीय सेवा सुनिश्चित करना है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जीरो-कमीशन मॉडल के तहत ड्राइवरों को हर सवारी से मिलने वाली पूरी कमाई प्राप्त होगी, और सहकारी समिति के मुनाफे का सीधा वितरण भी उन्हीं को किया जाएगा। शाह ने यह भी कहा कि एक पारदर्शी किराया मॉडल ड्राइवरों और यात्रियों दोनों के हित में होगा। इस पहल को डिजिटल भारत और सहकारिता आधारित आर्थिक मॉडल को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत टेक्सी के फिलहाल दिल्ली और सौराष्ट्र में बीटा टेस्टिंग हो रही है। टेस्टिंग के पहले 10 दिन में ही 51 हजार कैब ड्राइवर इस एप से जुड़ चुके हैं। इस एप पर कैब, ऑटो रिक्शा और बाइक आदि सभी तरह के ट्रांसपोर्ट को बुक किया जा सकता है। यह एप मेट्रो रेल जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से भी जुड़ा हुआ है।