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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

01-09-2025

रिजर्व बैंक ने बंधन बैंक पर 44.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

  •  भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ वैधानिक और नियामक अनुपालन में कमियों के लिए बंधन बैंक पर 44.7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 31 मार्च, 2024 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया गया था। आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में उसे कारण बताने के लिए कहा गया था कि आरबीआई के उक्त निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। आरबीआई ने कहा कि बैंक ने कुछ कर्मचारियों को कमीशन के रूप में पारिश्रमिक का भुगतान किया। इसके अलावा, बंधन बैंक ने कुछ खातों के डेटा के संबंध में ‘बैक-एंड’ के माध्यम से नियमावली में हस्तक्षेप किया था और सिस्टम में विशिष्ट उपयोगकर्ता विवरण के साथ ‘ऑडिट ट्रेल्स/लॉग्स’ को ‘कैप्चर’ नहीं किया था। हालांकि, आरबीआई ने कहा कि यह जुर्माना वैधानिक और नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।

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रिजर्व बैंक ने बंधन बैंक पर 44.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

 भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ वैधानिक और नियामक अनुपालन में कमियों के लिए बंधन बैंक पर 44.7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 31 मार्च, 2024 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया गया था। आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में उसे कारण बताने के लिए कहा गया था कि आरबीआई के उक्त निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। आरबीआई ने कहा कि बैंक ने कुछ कर्मचारियों को कमीशन के रूप में पारिश्रमिक का भुगतान किया। इसके अलावा, बंधन बैंक ने कुछ खातों के डेटा के संबंध में ‘बैक-एंड’ के माध्यम से नियमावली में हस्तक्षेप किया था और सिस्टम में विशिष्ट उपयोगकर्ता विवरण के साथ ‘ऑडिट ट्रेल्स/लॉग्स’ को ‘कैप्चर’ नहीं किया था। हालांकि, आरबीआई ने कहा कि यह जुर्माना वैधानिक और नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।


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