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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

03-12-2025

पिछेती बरसात से बाजरे की फसल फेल भविष्य में लाभ मिलने की संभावना

  •   पूर्वी यूपी में तैयार फसल पर लगातार बरसात की मार से 60 प्रतिशत बाजरा नष्ट हो गया है। इधर राजस्थान में खाद्यान्न में मांग निकलने लगी है। हरियाणा का बाजरा काफी खप चुका है। अत: इसमें 100 रुपए प्रति कुंतल की और तेजी के आसार बन गए हैं। बाजरे की फसल हरियाणा राजस्थान एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आकर 22-23 प्रतिशत खप चुकी है। इसके अलावा टुंडला से पूरब का बाजार 60 प्रतिशत अक्टूबर के अंतिम सप्ताह वाली लगातार हुई बरसात के चलते खेतों में नष्ट हो गया है। इसका कटाई मड़ाई बड़ी ही मुश्किल से हुई है तथा दाने हल्के हो गए हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि बाजरे की तैयार फसल में लगातार बरसात होने से बाजरा, बाली में ही अंकुरित होकर उग गया था, जिससे वह सब बाजरा हवा हो गया है। इधर राजस्थान के शेखावाटी रिंगस खाटू भरतपुर दौसा डीडवाना नागौर लाइन में बाजरा आ रहा है, लेकिन वहां भी मंडियों में नीचे में 1975/2000 रुपए प्रति कुंतल बिकने के बाद अब 2050/2075 रुपए बोलने लगे हैं, बढिय़ा बाजरा 2100 रुपए हो गया है। हरियाणा के रेवाड़ी पटौदी लाइन का बाजरा मौली बरवाला पहुंच में 2000 बिककर 2100/2150 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच में हो गया है। उत्पादक मंडियों में भी 75/80 रुपए प्रति कुंतल की तेजी आ गई है। इटावा एटा मैनपुरी लाइन का बाजरा, वहीं लोकल खपने लगा है, क्योंकि मंडियों में आवक कम है तथा स्टॉकिस्ट माल खरीदने लगे हैं, क्योंकि प्रयागराज जौनपुर गाजीपुर बक्सर लाइन का बाजार 60-61 प्रतिशत नष्ट हो गया है। अब वहां का माल आना मुश्किल हो गया है, क्योंकि वही चोकर तेज होने से पशु आहार में खप रहा है। इस तरह जो अनुमान हाइब्रिड बाजरे का इस बार 185-190 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन अनुमान लगा रहे थे, वह घटकर 120-130 लाख मीट्रिक टन रह जाने का अनुमान है। फसल खराब होने के बावजूद पिछले दिनों कारोबारी इसमें ज्यादा तेजी में इसलिए नहीं थे, क्योंकि मकई में मंदे का दलदल चल रहा है, लेकिन अब मकई में भी नीचे वाले भाव पर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लिंगा मुलताई लाइन के कारोबारी घटाकर माल बेचने से पीछे हटने लगे हैं। गेहूं में भी नीचे के भाव से 40-50 रुपए प्रति कुंतल की गिरावट के बाद मंदा रुक गया है।, इन परिस्थितियों को देखते हुए बाजरे में अभी 100/150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ जाने के आसार बन गए हैं।

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पिछेती बरसात से बाजरे की फसल फेल भविष्य में लाभ मिलने की संभावना

  पूर्वी यूपी में तैयार फसल पर लगातार बरसात की मार से 60 प्रतिशत बाजरा नष्ट हो गया है। इधर राजस्थान में खाद्यान्न में मांग निकलने लगी है। हरियाणा का बाजरा काफी खप चुका है। अत: इसमें 100 रुपए प्रति कुंतल की और तेजी के आसार बन गए हैं। बाजरे की फसल हरियाणा राजस्थान एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आकर 22-23 प्रतिशत खप चुकी है। इसके अलावा टुंडला से पूरब का बाजार 60 प्रतिशत अक्टूबर के अंतिम सप्ताह वाली लगातार हुई बरसात के चलते खेतों में नष्ट हो गया है। इसका कटाई मड़ाई बड़ी ही मुश्किल से हुई है तथा दाने हल्के हो गए हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि बाजरे की तैयार फसल में लगातार बरसात होने से बाजरा, बाली में ही अंकुरित होकर उग गया था, जिससे वह सब बाजरा हवा हो गया है। इधर राजस्थान के शेखावाटी रिंगस खाटू भरतपुर दौसा डीडवाना नागौर लाइन में बाजरा आ रहा है, लेकिन वहां भी मंडियों में नीचे में 1975/2000 रुपए प्रति कुंतल बिकने के बाद अब 2050/2075 रुपए बोलने लगे हैं, बढिय़ा बाजरा 2100 रुपए हो गया है। हरियाणा के रेवाड़ी पटौदी लाइन का बाजरा मौली बरवाला पहुंच में 2000 बिककर 2100/2150 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच में हो गया है। उत्पादक मंडियों में भी 75/80 रुपए प्रति कुंतल की तेजी आ गई है। इटावा एटा मैनपुरी लाइन का बाजरा, वहीं लोकल खपने लगा है, क्योंकि मंडियों में आवक कम है तथा स्टॉकिस्ट माल खरीदने लगे हैं, क्योंकि प्रयागराज जौनपुर गाजीपुर बक्सर लाइन का बाजार 60-61 प्रतिशत नष्ट हो गया है। अब वहां का माल आना मुश्किल हो गया है, क्योंकि वही चोकर तेज होने से पशु आहार में खप रहा है। इस तरह जो अनुमान हाइब्रिड बाजरे का इस बार 185-190 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन अनुमान लगा रहे थे, वह घटकर 120-130 लाख मीट्रिक टन रह जाने का अनुमान है। फसल खराब होने के बावजूद पिछले दिनों कारोबारी इसमें ज्यादा तेजी में इसलिए नहीं थे, क्योंकि मकई में मंदे का दलदल चल रहा है, लेकिन अब मकई में भी नीचे वाले भाव पर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लिंगा मुलताई लाइन के कारोबारी घटाकर माल बेचने से पीछे हटने लगे हैं। गेहूं में भी नीचे के भाव से 40-50 रुपए प्रति कुंतल की गिरावट के बाद मंदा रुक गया है।, इन परिस्थितियों को देखते हुए बाजरे में अभी 100/150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ जाने के आसार बन गए हैं।


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