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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

21-08-2025

उत्पादन कम एवं मांग बढऩे से सौंठ में आगे और तेजी की संभावना

  •  सौंठ बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ताज़ी अदरक की उपलब्धता कम होने से सौंठ की आपूर्ति पर दबाव बढ़ रहा है। अदरक की फसल का उत्पादन कम होने से यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा किसान पिछले सीज़न में अच्छी कीमतों के कारण अपनी अधिकांश अदरक बेच दिये थे, जिससे सौंठ बनाने के लिए स्टॉक कम बचा हुआ है। कुल मिलाकर आगे इसका बाजार उज्जवल दिखाई दे रहा है। व्यापारियों ने बताया कि, दिल्ली मंडी में सौंठ की कीमतो में 1000 रुपए की बढ़ोतरी होने से सामान्य के भाव 23500/23800 रुपए, मीडियम 24800/25300 रुपए, 14800/25300 रुपए बढिय़ा 26000/26500 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर पहुंच गए है। भारत में सौंठ की अच्छी मांग होती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी मांग में वृद्धि हुई है। खासकर नाइजीरिया जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने से भारतीय सौंठ की निर्यात मांग बढ़ गई है। इससे घरेलू बाज़ार में आपूर्ति कम हो रही है और कीमतें बढ़ जाती हैं। निर्यातकों और स्टॉकिस्टों द्वारा भविष्य में कीमतों में और तेज़ी की उम्मीद में स्टॉक करने से भी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियाँ जैसे कि अधिक बारिश या गर्मी, भी अदरक की फसल को प्रभावित कर सकती हैं। इससे फसल की कटाई में देरी हो सकती है और गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है, जिससे सौंठ की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है। पिछले सीज़न में अदरक की कीमतें बहुत अधिक होने के कारण किसानों ने अपनी अधिकांश फसल बेच दी थी, जिससे सौंठ बनाने के लिए अदरक की उपलब्धता कम हो गई थी। केरल जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में नई सौंठ की आवक में कमी बनी हुई है, जिससे बाजार में आपूर्ति पर दबाव बढ़ रहा है। नाइजीरिया में सौंठ का उत्पादन लगभग 50 प्रतिशत कम होने का अनुमान है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सौंठ की कमी हो सकती है और कीमतों पर असर पड़ सकता है। एक अन्य व्यापारी ने बताया कि, सौंठ की कीमतों में इस समय तेजी का रुख बना हुआ है। यदि अदरक की फसल खराब हो जाती है या उसका उत्पादन कम होता है, तो स्वाभाविक रूप से सौंठ की उपलब्धता भी कम हो जाएगी, जिससे इसकी कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। अभी इसकी उत्पादन की स्थिति सामान्य से कमजोर बताई जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि सौंठ बनाने के लिए जिस तरह की अदरक की जरूरत होती है, उसकी आवक एवं सप्लाई कम हो गई है। अदरक की सप्लाई कम होने की वजह से सौंठ का स्टॉक भी कम हो रहा है, जिससे बाजार में इसकी बिक्री मजबूत बनी है। सौंठ की फसल का उत्पादन अदरक की फसल पर निर्भर करेगा। उत्पादक क्षेत्रों से सौंठ और अदरक की आपूर्ति में कमी देखी गई है, जिससे स्टॉक एवं बिक्री धीमी हो गई है। कुल मिलाकर अदरक का उत्पादन कम बताया जा रहा है, जिससे सौंठ की कीमतों पर असर पड़ेगा। व्यापारियों और किसानों को सौंठ की गुणवत्ता और मंडियों में दैनिक भावों पर नजर रखनी चाहिए ताकि वे सही समय पर खरीद एवं बिक्री का फैसला ले सकें।

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उत्पादन कम एवं मांग बढऩे से सौंठ में आगे और तेजी की संभावना

 सौंठ बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ताज़ी अदरक की उपलब्धता कम होने से सौंठ की आपूर्ति पर दबाव बढ़ रहा है। अदरक की फसल का उत्पादन कम होने से यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा किसान पिछले सीज़न में अच्छी कीमतों के कारण अपनी अधिकांश अदरक बेच दिये थे, जिससे सौंठ बनाने के लिए स्टॉक कम बचा हुआ है। कुल मिलाकर आगे इसका बाजार उज्जवल दिखाई दे रहा है। व्यापारियों ने बताया कि, दिल्ली मंडी में सौंठ की कीमतो में 1000 रुपए की बढ़ोतरी होने से सामान्य के भाव 23500/23800 रुपए, मीडियम 24800/25300 रुपए, 14800/25300 रुपए बढिय़ा 26000/26500 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर पहुंच गए है। भारत में सौंठ की अच्छी मांग होती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी मांग में वृद्धि हुई है। खासकर नाइजीरिया जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने से भारतीय सौंठ की निर्यात मांग बढ़ गई है। इससे घरेलू बाज़ार में आपूर्ति कम हो रही है और कीमतें बढ़ जाती हैं। निर्यातकों और स्टॉकिस्टों द्वारा भविष्य में कीमतों में और तेज़ी की उम्मीद में स्टॉक करने से भी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियाँ जैसे कि अधिक बारिश या गर्मी, भी अदरक की फसल को प्रभावित कर सकती हैं। इससे फसल की कटाई में देरी हो सकती है और गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है, जिससे सौंठ की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है। पिछले सीज़न में अदरक की कीमतें बहुत अधिक होने के कारण किसानों ने अपनी अधिकांश फसल बेच दी थी, जिससे सौंठ बनाने के लिए अदरक की उपलब्धता कम हो गई थी। केरल जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में नई सौंठ की आवक में कमी बनी हुई है, जिससे बाजार में आपूर्ति पर दबाव बढ़ रहा है। नाइजीरिया में सौंठ का उत्पादन लगभग 50 प्रतिशत कम होने का अनुमान है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सौंठ की कमी हो सकती है और कीमतों पर असर पड़ सकता है। एक अन्य व्यापारी ने बताया कि, सौंठ की कीमतों में इस समय तेजी का रुख बना हुआ है। यदि अदरक की फसल खराब हो जाती है या उसका उत्पादन कम होता है, तो स्वाभाविक रूप से सौंठ की उपलब्धता भी कम हो जाएगी, जिससे इसकी कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। अभी इसकी उत्पादन की स्थिति सामान्य से कमजोर बताई जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि सौंठ बनाने के लिए जिस तरह की अदरक की जरूरत होती है, उसकी आवक एवं सप्लाई कम हो गई है। अदरक की सप्लाई कम होने की वजह से सौंठ का स्टॉक भी कम हो रहा है, जिससे बाजार में इसकी बिक्री मजबूत बनी है। सौंठ की फसल का उत्पादन अदरक की फसल पर निर्भर करेगा। उत्पादक क्षेत्रों से सौंठ और अदरक की आपूर्ति में कमी देखी गई है, जिससे स्टॉक एवं बिक्री धीमी हो गई है। कुल मिलाकर अदरक का उत्पादन कम बताया जा रहा है, जिससे सौंठ की कीमतों पर असर पड़ेगा। व्यापारियों और किसानों को सौंठ की गुणवत्ता और मंडियों में दैनिक भावों पर नजर रखनी चाहिए ताकि वे सही समय पर खरीद एवं बिक्री का फैसला ले सकें।


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