मोठ में पिछले काफी दिनों से ठहराव के बाद बाजार धीरे-धीरे बढऩे लगा है। नई फसल आने में अभी 3 महीने का समय बाकी है, उससे पहले पाइप लाइन में माल की कमी लग रही है। यहां भी अधिकतर कारोबारियों के स्टाक निकल चुके हैं। आगे ग्राहकी निकलने पर नई फसल से पहले 500 रुपए बढ़ सकते हैं। मोठ की फसल आए 8-9 महीने हो चुके हैं तथा सीजन में नीचे में 4650 रुपए प्रति क्विंटल दिल्ली बिकने के बाद ऊपर में अप्रैल के आसपास यह 5850 भी बन गई थी। अब एक बार बाजार थोड़ा सुस्त है, लेकिन भुजिया नमकीन बनाने वाली कंपनियों की लिवाली बढ़ गई है। यही कारण है कि दोबारा यह दिल्ली 5750 रुपए हो गई है। हम मानते हैं कि मोठ का उत्पादन इस बार अधिक हुआ है, लेकिन पुराना स्टाक नहीं बचने से, जो उत्पादन अधिक हुआ था, उसका तिगुना मिलिंग में खप चुका है। अभी स्थिति यह बन गई है कि बीकानेर नोहर भादरा बालोतरा दौसा डीडवाना नागौर मेड़ता आदि सभी मंडियों में मोठ कट चुकी है। कच्ची मंडियों के व्यापारी पिछले दिनों की आई तेजी में अपना माल निकाल चुके थे। हम मानते हैं की खपत के लिए अब समय कम बचा है, लेकिन किसी भी मिल के पास धोया का स्टॉक नहीं है, धोया बनाने वाली मिलें जरूरत का व्यापार कर रही है तथा वर्तमान की आई तेजी में कच्चे माल हाथ नहीं लग पाया है। बीकानेर लाइन में भी बड़ी कंपनियां खरीद करने लगी है, नोहर मंडी ऊंची चल रही है, क्योंकि निर्माता कंपनियां वहां भी खरीद करने लगी है। हम मानते हैं कि मूंग के भाव इस बार नीचे चल रहे हैं, जिससे मोठ की बिक्री कुछ प्रभावित होने की बात कारोबारी कह रहे हैं, लेकिन नीचे भाव में बिकने वाली मूंग काफी गीली एवं दागी आ रही है, इसलिए उसके पड़ते मोठ धोया बनाने वाली मिलों को नहीं पड़ रहे हैं, इस वजह से उसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। पुरानी मोठ के डिमांड चौतरफा बढ़ गई है तथा कुछ बड़ी भुजिया नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मेड़ता एवं बीकानेर दोनों ही लाइन में मांग अच्छी है। यहां भी धोया बनाने वाली मिलों की मांग निकलने लगी है, इन परिस्थितियों में जल्दी इसके भाव 6200/6300 रुपए बनने की संभावना है।