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06-12-2025

10 सालों में होगा सबसे बड़ा ‘Wealth Transfer’!

  •  भारत सहित दुनिया के कई देशों के लोग उस स्थिति में है जहां अगले 10-15 सालों में इतिहास का सबसे बड़ा वेल्थ ट्रांसफर एक जेनरेशन से दूसरी जेनरेशन के बीच होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1.5 ट्रिलियन डॉलर यानि करीब 135 लाख करोड़ रुपये अगले 10-15 सालों में एक जेनरेशन से दूसरी जेनरेशन के पास ट्रांसफर होंगे। इसी तरह अमरीका में वर्ष 2048 तक 100 ट्रिलियन डॉलर यानि 9 हजार लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर होंगे जिनमें से 62 ट्रिलियन डॉलर ऐसे हाई नेट वर्थ वाले लोग ट्रांसफर करेंगे जिनके परिवारों की संख्या मात्र 2 प्रतिशत ही है। इस लेवल के वेल्थ ट्रांसफर को मैनेज करने का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2018 से 2024 के बीच भारत में फैमिली ऑफिस की संख्या 45 से बढक़र 300 से कई ज्यादा हो गई। तेजी से बढ़ती वेल्थ को संभालने के लिए ऐसे ऑफिसों की जरूरत पडऩे लगती है जहां प्रोफेशनल वेल्थ को सही जगह इंवेस्ट करने के साथ-साथ उसकी रखवाली करने का काम भी करते हैं। भारत में 30 मिलियन डॉलर यानि करीब 250 करोड़ से ज्यादा की नेट वर्थ वाले परिवारों की संख्या 13,000 से ज्यादा हो गई है जिसके चलते इनकी वेल्थ को मैनेज करने वाले प्रोफेशनल की डिमांड बढ़ रही है। वर्ष 2028 तक ऐसे वेल्दी परिवारों की संख्या 19,000 तक हो जाने का अनुमान है। 1946-1964 के बीच जन्में लोग जिन्हें Baby-Boomers कहा जाता है, ने लम्बे समय तक चली इकोनोमिक ग्रोथ, प्रोपर्टी व शेयर बाजारों से इतिहास में किसी भी समय के मुकाबले सबसे ज्यादा वेल्थ बनाई। इतनी वेल्यू को ट्रांसफर करना मुश्किल तो है ही पर साथ ही आसान भी नहीं है क्योंकि अपनी मेहनत से कमाई वेल्थ को ट्रांसफर करने के लिए खुद को तैयार करने का काम व्यक्ति एक बार ही करता है यानि इस मामले में अनुभव काम नहीं आता।

    वेल्थ ट्रांसफर की ओर बढ़ रहे परिवारों के बच्चे महंगे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, इंटरनेशनल ट्रेवल करते है, ब्रांडेड कपड़े पहनते है और महंगी कारों में चलते है यानि उनके दिमाग में यह रहता है कि वे ‘अमीर’ है इसलिए कई वेल्दी परिवार ये सुविधाए देने के बावजूद अपनी सही नेट वर्थ बच्चों को नहीं बताते। परिवारों की लीडरशिप मानती है कि सही स्थिति बताने से बच्चे बिगड़ सकते हैं या उनमें कुछ करने का मोटीवेशन कम हो सकता है। वेल्थ ट्रांसफर पर वॉरेन बफे ने कहा था कि बहुत अमीर पेरेंट्स को अपने बच्चों के लिए इतना पैसा छोडऩा चाहिए कि वे कुछ भी कर सके लेकिन वह पैसा उतना भी नहीं होना चाहिए कि वे कुछ भी न करें। अपने वकीलों व फैमिली ऑफिस की मदद से लोग प्रोपर्टी, शेयर, कैश, गोल्ड जैसी ्रह्यह्यद्गह्ल के अलावा ब्रांडेड लक्जरी हैण्ड बैग, घडिय़ों जैसी चीजों को भी वेल्थ ट्रांसफर का हिस्सा बनाने लगे हैं क्योंकि ऐसे प्रोडक्ट्स की वेल्यू करोड़ों रुपयों में होने लगी है। कई वेल्थी परिवार वेल्थ ट्रांसफर का कुछ हिस्सा सदस्यों के फॉरेन ट्रेवल, एज्युकेशन, हेल्थ व अन्य खर्चों के लिए तय कर रहे हैं ताकि इन कामों के लिए कभी पैसा कम न रहे। कई लोग परिवार के सदस्यों विशेषकर बच्चों की परफोर्मेंस को आधार बनाकर वेल्थ ट्रांसफर कर रहे हैं यानि अगर बच्चे कोई डिग्री अच्छे नम्बरों से हासिल करने में सफल होंगे तभी उन्हें कुछ मिलेगा नहीं तो उनका हिस्सा दान में दे दिया जाएगा। ऐसा करना बच्चों के लिए यह संदेश है कि वेल्थ पाने के लिए मेहनत जरूरी है। ऐसा ही कुछ नया कारोबार करने की इच्छा रखने वाले परिवार के सदस्यों के लिए किया जा रहा है जहां शुरुआती खर्चे देने के बाद कारोबार की परफोर्मेंस के आधार पर बाकी वेल्थ का हिस्सा दिया जाएगा। वेल्थ ट्रांसफर का पूरा प्रोसेस भरोसे, साफ नियत व बराबरी पर टिका हुआ है जिन्हे वेल्दी लोगों के जीवनभर के अनुभव प्रभावित करते हैं। फेमिली ऑफिस चलाने वाले प्रोफेशनल मानते हैं कि ज्यादातार वेल्दी लोग ‘बराबरी’ को ही प्रमुखता देते हैं पर फिर भी ये मामले ऐसे हैं जहां वेल्थ ट्रांसफर की खबर या यह Surprise परिवार के सदस्यों की आंखों में आंसू ले आता है जिनके बीच इतना कुछ हासिल करने के बाद भी पता नहीं क्यों दुखी होकर आंसू बहाने वालों की कोई कमी नहीं है।

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10 सालों में होगा सबसे बड़ा ‘Wealth Transfer’!

 भारत सहित दुनिया के कई देशों के लोग उस स्थिति में है जहां अगले 10-15 सालों में इतिहास का सबसे बड़ा वेल्थ ट्रांसफर एक जेनरेशन से दूसरी जेनरेशन के बीच होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1.5 ट्रिलियन डॉलर यानि करीब 135 लाख करोड़ रुपये अगले 10-15 सालों में एक जेनरेशन से दूसरी जेनरेशन के पास ट्रांसफर होंगे। इसी तरह अमरीका में वर्ष 2048 तक 100 ट्रिलियन डॉलर यानि 9 हजार लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर होंगे जिनमें से 62 ट्रिलियन डॉलर ऐसे हाई नेट वर्थ वाले लोग ट्रांसफर करेंगे जिनके परिवारों की संख्या मात्र 2 प्रतिशत ही है। इस लेवल के वेल्थ ट्रांसफर को मैनेज करने का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2018 से 2024 के बीच भारत में फैमिली ऑफिस की संख्या 45 से बढक़र 300 से कई ज्यादा हो गई। तेजी से बढ़ती वेल्थ को संभालने के लिए ऐसे ऑफिसों की जरूरत पडऩे लगती है जहां प्रोफेशनल वेल्थ को सही जगह इंवेस्ट करने के साथ-साथ उसकी रखवाली करने का काम भी करते हैं। भारत में 30 मिलियन डॉलर यानि करीब 250 करोड़ से ज्यादा की नेट वर्थ वाले परिवारों की संख्या 13,000 से ज्यादा हो गई है जिसके चलते इनकी वेल्थ को मैनेज करने वाले प्रोफेशनल की डिमांड बढ़ रही है। वर्ष 2028 तक ऐसे वेल्दी परिवारों की संख्या 19,000 तक हो जाने का अनुमान है। 1946-1964 के बीच जन्में लोग जिन्हें Baby-Boomers कहा जाता है, ने लम्बे समय तक चली इकोनोमिक ग्रोथ, प्रोपर्टी व शेयर बाजारों से इतिहास में किसी भी समय के मुकाबले सबसे ज्यादा वेल्थ बनाई। इतनी वेल्यू को ट्रांसफर करना मुश्किल तो है ही पर साथ ही आसान भी नहीं है क्योंकि अपनी मेहनत से कमाई वेल्थ को ट्रांसफर करने के लिए खुद को तैयार करने का काम व्यक्ति एक बार ही करता है यानि इस मामले में अनुभव काम नहीं आता।

वेल्थ ट्रांसफर की ओर बढ़ रहे परिवारों के बच्चे महंगे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, इंटरनेशनल ट्रेवल करते है, ब्रांडेड कपड़े पहनते है और महंगी कारों में चलते है यानि उनके दिमाग में यह रहता है कि वे ‘अमीर’ है इसलिए कई वेल्दी परिवार ये सुविधाए देने के बावजूद अपनी सही नेट वर्थ बच्चों को नहीं बताते। परिवारों की लीडरशिप मानती है कि सही स्थिति बताने से बच्चे बिगड़ सकते हैं या उनमें कुछ करने का मोटीवेशन कम हो सकता है। वेल्थ ट्रांसफर पर वॉरेन बफे ने कहा था कि बहुत अमीर पेरेंट्स को अपने बच्चों के लिए इतना पैसा छोडऩा चाहिए कि वे कुछ भी कर सके लेकिन वह पैसा उतना भी नहीं होना चाहिए कि वे कुछ भी न करें। अपने वकीलों व फैमिली ऑफिस की मदद से लोग प्रोपर्टी, शेयर, कैश, गोल्ड जैसी ्रह्यह्यद्गह्ल के अलावा ब्रांडेड लक्जरी हैण्ड बैग, घडिय़ों जैसी चीजों को भी वेल्थ ट्रांसफर का हिस्सा बनाने लगे हैं क्योंकि ऐसे प्रोडक्ट्स की वेल्यू करोड़ों रुपयों में होने लगी है। कई वेल्थी परिवार वेल्थ ट्रांसफर का कुछ हिस्सा सदस्यों के फॉरेन ट्रेवल, एज्युकेशन, हेल्थ व अन्य खर्चों के लिए तय कर रहे हैं ताकि इन कामों के लिए कभी पैसा कम न रहे। कई लोग परिवार के सदस्यों विशेषकर बच्चों की परफोर्मेंस को आधार बनाकर वेल्थ ट्रांसफर कर रहे हैं यानि अगर बच्चे कोई डिग्री अच्छे नम्बरों से हासिल करने में सफल होंगे तभी उन्हें कुछ मिलेगा नहीं तो उनका हिस्सा दान में दे दिया जाएगा। ऐसा करना बच्चों के लिए यह संदेश है कि वेल्थ पाने के लिए मेहनत जरूरी है। ऐसा ही कुछ नया कारोबार करने की इच्छा रखने वाले परिवार के सदस्यों के लिए किया जा रहा है जहां शुरुआती खर्चे देने के बाद कारोबार की परफोर्मेंस के आधार पर बाकी वेल्थ का हिस्सा दिया जाएगा। वेल्थ ट्रांसफर का पूरा प्रोसेस भरोसे, साफ नियत व बराबरी पर टिका हुआ है जिन्हे वेल्दी लोगों के जीवनभर के अनुभव प्रभावित करते हैं। फेमिली ऑफिस चलाने वाले प्रोफेशनल मानते हैं कि ज्यादातार वेल्दी लोग ‘बराबरी’ को ही प्रमुखता देते हैं पर फिर भी ये मामले ऐसे हैं जहां वेल्थ ट्रांसफर की खबर या यह Surprise परिवार के सदस्यों की आंखों में आंसू ले आता है जिनके बीच इतना कुछ हासिल करने के बाद भी पता नहीं क्यों दुखी होकर आंसू बहाने वालों की कोई कमी नहीं है।


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