आमतौर पर देशों के पास 120 दिनों तक का एमरजेंसी तेल भंडार होता है, जबकि भारत के पास लगभग 74 दिनों का भंडार होता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो जाने के बाद भारत सरकार स्ट्रेटेजिक ऑयल रिजर्व को और बढ़ाने पर फोकस करेगी। थिंकटेंक एनआईपीएफपी के इकोनॉमिस्ट हरि नायडु के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण आमतौर पर देश 120 दिनों तक का स्टॉक रखते हैं लेकिन भारत अभी तक इतनी स्टोरेज कैपेसिटी तक नहीं पहुंचा है। पाकिस्तान के साथ तनाव के दौर में देश की सभी तेल कंपनियों को पर्याप्त स्टॉक होने का बयान देना पड़ गया था। इस दौरान विशेष रूप से उत्तर भारत में पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लगने लगी थीं। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है। सरकार को इसे बढ़ाकर 90 दिन तक पहुंचाना चाहिए। नायडु के अनुसार अभी तक हम अमेरिका जैसे कुछ सबसे बड़े देशों के स्तर पर नहीं पहुंच पाए हैं। भारतीय के 74 दिन के रिजर्व में से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन 40-42 दिनों के लिए स्टॉक करता है, जबकि सरकार का एसपीवी इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड 9.5 दिनों के लिए कच्चे तेल का स्टॉक करता है। आईएसपीआरएल वर्तमान में तीन स्थानों विशाखापत्तनम (1.33 एमएमटी) और आंध्र प्रदेश, मैंगलोर (1.5 एमएमटी) में कुल 5.33 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) तेल का स्टॉक रखते हैं। तेल के स्ट्रेटेजिक स्टॉक को बढ़ाने के लिए सरकार ने पादुर में 2.5 एमएमटी की क्षमता वाली एक नई फैसिलिटी को मंजूरी दे दी है।