केंद्र सरकार के अनुसार देश के प्रमुख बंदरगाहों ने कार्गो हैंडलिंग ने वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड 855 मिलियन टन का आंकड़ा छू लिया, जो वित्त वर्ष 2024 में 819 मिलियन टन के इसी आंकड़े की तुलना में 4.3 परसेंट की ग्रोथ दिखाता है। शिपिंग मंत्रालय ने कहा कि यह ग्रोथ पिछले वित्त वर्ष की तुलना में हाई कंटेनर थ्रूपुट (आवाजाही), फर्टिलाइजर कार्गो हैंडलिंग, पीओएल (पेट्रोलियम, ऑयल एंड लुब्रिकेंट्स) और विविध वस्तुओं की हैंडलिंग के कारण हुई, जिनमें क्रमश: 10 परसेंट , 13 परसेंट, 3 परसेंट और 31 परसेंट की ग्रोथ दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2025 में प्रमुख बंदरगाहों पर हैंडल की गई वस्तुओं में, पीओएल 29.8 परसेंट के साथ 254.5 मिलियन टन मात्रा में चार्ट में सबसे आगे रहा, इसके बाद कंटेनर ट्रैफिक 22.6 परसेंट के साथ 193.5 मिलियन टन, कोयला 21.8 परसेंट के साथ 186.6 मिलियन टन और अन्य कार्गो श्रेणियां जैसे लौह अयस्क, छर्रे, उर्वरक का स्थान रहा।इतिहास में पहली बार पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण (पीपीए) और दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (डीपीए) ने 150 मिलियन टन कार्गो हैंडलिंग मार्क को पार कर लिया। जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) ने 7.3 मिलियन टीईयू को हैंडल कर एक रिकॉर्ड बनाया, जो सालाना आधार पर 13.5 परसेंट की वृद्धि को दर्शाता है। भारतीय बंदरगाहों ने बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण के लिए कुल 962 एकड़ भूमि आवंटित की है, जिससे वित्त वर्ष 2025 में 7,565 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है।