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03-11-2025

अफोर्डेबल लग्जरी सेगमेंट में जेनजी का बढ़ रहा दबदबा

  •  देश में यंगस्टर्स लग्जरी कन्ज्यूमर्स कैटेगरी उबर हो रही है। इनकी पसंद एंट्री लेवल के ब्राण्डेड परफ्यूम, कॉस्मेटिक्स, सनग्लासेज, एसेसरीज, लैदर गुड्ज आदि हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार देश में इस समय दो प्रकार के उपभोक्ता ज्यादा हैं। एक नॉन-मैट्रो कस्टमर्स हैं जिसकी आय बढ़ रही है और वे लग्जरी की ओर अट्रेक्ट हो रहे हैं। दूसरे जैनरेशन जेड है। वर्ष 2030 तक इनकी संख्या देश की कुल जनसंख्या में पचास प्रतिशत के करीब होने का अनुमान है। जैनरेशन जेड और मिलेनियल्स का इनकम लेवल बढ़ेगा। इनकी शॉपिंग का तरीका, लाइफस्टाइल का तरीका और ब्राण्ड्स के साथ इंटरेक्ट करने का तरीका अलग है। उनके अनुसार इन लोगों को लाइफ में हर स्टेज पर एसेसेबल लग्जरी चाहिये। देश के डिजिटल सेवी जैनरेशन जेड शॉपर्स की संख्या करीब छह करोड़ है और वे लेटेस्ट ट्रेंड्स, सोशियल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स से प्रभावित होते हैं। ऑनलाइन लाइफस्टाइल मार्केट में जेनजी की हिस्सेदारी करीब 20-25 प्रतिशत है। ग्रॉस मर्केन्डाइज वैल्यू करीब 4 बिलियन डॉलर है। बेन एंड कम्पनी और मिंत्रा की 2024 रिपोर्ट में यह बताया गया था। शॉपर्स ब्राण्डेड परफ्यूम, सनग्लासेज, बैग्ज को लाइफ में जल्दी बाय करने का प्रयास करते हैं। बेशक वे एक लाख का बैग न खरीद पायें लेकिन 15,000 से 30,000 रुपये तक इन एसेसरीज पर स्पेंड कर ही लेते हैं। यही नहीं वे ऐसी बाइंग करते हैं और फिर से शॉपिंग के लिये रैडी रहते हैं यानि कि रिपीट बॉयर बनने में उन्हें परेशानी नहीं है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया कि यह डिजिटल सेवी न्यू इन्डिया कन्ज्यूमर गु्रप है। मैनेजमेंट एंड कन्सल्टिंग फर्म बेन एंड कम्पनी के अनुसार देश का लग्जरी मार्केट अभी छोटा है लेकिन बढ़ अवश्य रहा है। वर्ष 2030 तक यह साढ़े तीन गुना बढक़र 85-90 बिलियन डॉलर पहुंचने की सम्भावना है। हम जिस कैटेगरी की बात कर रहे हैं वह लग्जरी व्हीकल्स, रियल एस्टेट, ट्रेवल एक्सपीरियंस, हाई एंड ब्राण्डेड प्रोडक्ट्स, एसेसरीज का दीवाना है। हर्मस इन्डिया रिटेल एंड डिस्ट्रीब्यूटर जो कि बर्किन और केली बैग्स की मेकर है को बेहतर ग्रोथ प्राप्त हो रही है। बड़ी बात यह भी है कि प्रीमियम कन्जम्पशन मैक्रोइकोनॉमिक हैडविंड्स से ज्यादा प्रभावित नहीं है। जैनरेशन जेड ऑनलाइन लाइफस्टाइल मार्केट में बीस से पच्चीस प्रतिशत का योगदान कर रही है और यह मार्केट को समझने के लिये महत्ववूर्ण है। इनका दबदबा जिस प्रकार से मार्केट पर बढ़ रहा है उससे ई-कॉमर्स, सोशियल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का ट्रेंड भी बढ़ रहा है।

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अफोर्डेबल लग्जरी सेगमेंट में जेनजी का बढ़ रहा दबदबा

 देश में यंगस्टर्स लग्जरी कन्ज्यूमर्स कैटेगरी उबर हो रही है। इनकी पसंद एंट्री लेवल के ब्राण्डेड परफ्यूम, कॉस्मेटिक्स, सनग्लासेज, एसेसरीज, लैदर गुड्ज आदि हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार देश में इस समय दो प्रकार के उपभोक्ता ज्यादा हैं। एक नॉन-मैट्रो कस्टमर्स हैं जिसकी आय बढ़ रही है और वे लग्जरी की ओर अट्रेक्ट हो रहे हैं। दूसरे जैनरेशन जेड है। वर्ष 2030 तक इनकी संख्या देश की कुल जनसंख्या में पचास प्रतिशत के करीब होने का अनुमान है। जैनरेशन जेड और मिलेनियल्स का इनकम लेवल बढ़ेगा। इनकी शॉपिंग का तरीका, लाइफस्टाइल का तरीका और ब्राण्ड्स के साथ इंटरेक्ट करने का तरीका अलग है। उनके अनुसार इन लोगों को लाइफ में हर स्टेज पर एसेसेबल लग्जरी चाहिये। देश के डिजिटल सेवी जैनरेशन जेड शॉपर्स की संख्या करीब छह करोड़ है और वे लेटेस्ट ट्रेंड्स, सोशियल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स से प्रभावित होते हैं। ऑनलाइन लाइफस्टाइल मार्केट में जेनजी की हिस्सेदारी करीब 20-25 प्रतिशत है। ग्रॉस मर्केन्डाइज वैल्यू करीब 4 बिलियन डॉलर है। बेन एंड कम्पनी और मिंत्रा की 2024 रिपोर्ट में यह बताया गया था। शॉपर्स ब्राण्डेड परफ्यूम, सनग्लासेज, बैग्ज को लाइफ में जल्दी बाय करने का प्रयास करते हैं। बेशक वे एक लाख का बैग न खरीद पायें लेकिन 15,000 से 30,000 रुपये तक इन एसेसरीज पर स्पेंड कर ही लेते हैं। यही नहीं वे ऐसी बाइंग करते हैं और फिर से शॉपिंग के लिये रैडी रहते हैं यानि कि रिपीट बॉयर बनने में उन्हें परेशानी नहीं है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया कि यह डिजिटल सेवी न्यू इन्डिया कन्ज्यूमर गु्रप है। मैनेजमेंट एंड कन्सल्टिंग फर्म बेन एंड कम्पनी के अनुसार देश का लग्जरी मार्केट अभी छोटा है लेकिन बढ़ अवश्य रहा है। वर्ष 2030 तक यह साढ़े तीन गुना बढक़र 85-90 बिलियन डॉलर पहुंचने की सम्भावना है। हम जिस कैटेगरी की बात कर रहे हैं वह लग्जरी व्हीकल्स, रियल एस्टेट, ट्रेवल एक्सपीरियंस, हाई एंड ब्राण्डेड प्रोडक्ट्स, एसेसरीज का दीवाना है। हर्मस इन्डिया रिटेल एंड डिस्ट्रीब्यूटर जो कि बर्किन और केली बैग्स की मेकर है को बेहतर ग्रोथ प्राप्त हो रही है। बड़ी बात यह भी है कि प्रीमियम कन्जम्पशन मैक्रोइकोनॉमिक हैडविंड्स से ज्यादा प्रभावित नहीं है। जैनरेशन जेड ऑनलाइन लाइफस्टाइल मार्केट में बीस से पच्चीस प्रतिशत का योगदान कर रही है और यह मार्केट को समझने के लिये महत्ववूर्ण है। इनका दबदबा जिस प्रकार से मार्केट पर बढ़ रहा है उससे ई-कॉमर्स, सोशियल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का ट्रेंड भी बढ़ रहा है।


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