दूरसंचार विभाग (डॉट) ने बड़ा फैसला लेते हुए टेलीकॉम और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों के लिए सुरक्षा जांच शुल्क में 95 प्रतिशत तक की कटौती की घोषणा की है। अब तक यह शुल्क 2,00,000 से 3,50,000 रुपए के बीच था, जो उत्पाद की श्रेणी पर निर्भर करता था। लेकिन, नए ढांचे के तहत यह शुल्क काफी कम कर दिया गया है। नई शुल्क संरचना के अनुसार, गु्रप ए के उपकरणों का शुल्क 2,00,000 से घटाकर 10,000 रुपए किया गया है। गु्रप बी का शुल्क 2,00,000 से घटाकर रु 20,000 रुपए कर दिया गया है। गु्रप सी के लिए यह 2,50,000 से घटाकर 30,000 रुपए किया गया है। गु्रप डी उपकरणों का शुल्क 3,50,000 से घटाकर 50,000 रुपए किया गया है। दूरसंचार मंत्रालय के मुताबिक, यह फैसला खास तौर पर घरेलू कंपनियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि वे कम लागत में सुरक्षा प्रमाणन करा सकें और बाजार में तेजी से प्रवेश कर सकें। यह नया शुल्क 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी है और इसे कम्युनिकेशन सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत लागू किया गया है। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि सी-डॉट और सी-डैक जैसे सरकारी अनुसंधान संस्थानों को 31 मार्च, 2028 तक सुरक्षा जांच शुल्क से पूरी तरह छूट दी जाएगी। इससे सरकारी क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।