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05-08-2025

‘AI के इस दौर में शिक्षा के नाम पर कर्ज में न फंसे युवा’

  •  सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जोहो के वैज्ञानिक और सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने सोमवार को उन छात्रों को चेतावनी दी जो बड़े एजुकेशन लोन लेने का विकल्प चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों इस तरह का फैसला लेने से पहले दो बार सोचने की जरूरत है क्योंकि एआई के बढ़ते चलन के कारण, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में नियुक्तियों में गिरावट आई है। वेम्बू ने कहा कि उनकी कंपनी ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और जॉब ऑटोमेशन के प्रभाव के कारण नई नौकरियों के लिए अपनी नियुक्तियों में भी कटौती की है। वहीं, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज आईटी कंपनियां नौकरी बाजारों में एआई के बदलाव के बीच हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। वेम्बू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, चिंताजनक स्थिति: एक छात्र ने अमेरिका के एक छोटे से कॉलेज में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर लगभग 70 लाख रुपए (80,000 डॉलर) का कर्ज लिया है, इस लोन का भुगतान तो जल्दी करना होगा लेकिन समस्या यह है कि आईटी क्षेत्र में खासकर विदेशी छात्रों के लिए नौकरियों की स्थिति खराब है। वेम्बू ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि इस स्थिति में हम क्या कर सकते हैं क्योंकि हम एआई युग के लिए खुद को ढाल रहे हैं और इस दौरान हमने ज्यादा भर्तियां नहीं की हैं। भर्तियों में यह सावधानी इसलिए भी है क्योंकि हमारी नीति छंटनी न करने की है। मैं छात्रों और अभिभावकों से आग्रह करता हूं कि वे विदेश और भारत में डिग्री हासिल करने के लिए भारी कर्ज लेने में सावधानी बरतें। उन्होंने आगे कहा कि हमें शिक्षा के नाम पर युवाओं को कर्ज में नहीं फंसाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकमात्र समझदारी यही है कि भावी नियोक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए धन मुहैया कराएं और उद्योग औपचारिक डिग्री मांगने के बजाय वैकल्पिक प्रमाणपत्रों को व्यापक रूप से स्वीकार करे। एक कंपनी के रूप में हम जो सबसे अ छा निवेश करते हैं वह प्रशिक्षण और कौशल विकास में है। मुझे उम्मीद है कि कंपनियां इसे व्यापक रूप से करेंगी ताकि हम युवाओं को कर्ज में न फंसा दें। जुलाई में, टीसीएस ने लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, जो उसके ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 2 प्रतिशत है, जिनमें से अधिकतर मध्यम और वरिष्ठ स्तर पर हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने 2025 तक 15,000 कर्मचारियों की छंटनी की है और एआई में 80 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। रेगुलर बैक ऑफिस टास्क, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, आईटी सहायता और ऐसी ही अन्य नौकरियां छंटनी का मुख्य लक्ष्य रहीं। जहां टीसीएस ने स्किल मिसमैच और कुछ भूमिकाओं को लागू करने में आने वाली कठिनाइयों का हवाला दिया, वहीं समय और पैमाने से संकेत मिलता है कि एआई और स्वचालन को व्यापक रूप से अपनाने के कारण छंटनी हो रही है। भारत के आईटी उद्योग संघ नैसकॉम ने भी इस बात पर जोर दिया है कि आईटी क्षेत्र एक परिवर्तनकारी मोड़ पर है और एआई-ड्रिवन बिजनेस स्किल में तत्काल अपस्किलिंग और क्रॉस-स्किलिंग की आवश्यकता पर बल दिया है।

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‘AI के इस दौर में शिक्षा के नाम पर कर्ज में न फंसे युवा’

 सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जोहो के वैज्ञानिक और सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने सोमवार को उन छात्रों को चेतावनी दी जो बड़े एजुकेशन लोन लेने का विकल्प चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों इस तरह का फैसला लेने से पहले दो बार सोचने की जरूरत है क्योंकि एआई के बढ़ते चलन के कारण, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में नियुक्तियों में गिरावट आई है। वेम्बू ने कहा कि उनकी कंपनी ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और जॉब ऑटोमेशन के प्रभाव के कारण नई नौकरियों के लिए अपनी नियुक्तियों में भी कटौती की है। वहीं, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज आईटी कंपनियां नौकरी बाजारों में एआई के बदलाव के बीच हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। वेम्बू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, चिंताजनक स्थिति: एक छात्र ने अमेरिका के एक छोटे से कॉलेज में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर लगभग 70 लाख रुपए (80,000 डॉलर) का कर्ज लिया है, इस लोन का भुगतान तो जल्दी करना होगा लेकिन समस्या यह है कि आईटी क्षेत्र में खासकर विदेशी छात्रों के लिए नौकरियों की स्थिति खराब है। वेम्बू ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि इस स्थिति में हम क्या कर सकते हैं क्योंकि हम एआई युग के लिए खुद को ढाल रहे हैं और इस दौरान हमने ज्यादा भर्तियां नहीं की हैं। भर्तियों में यह सावधानी इसलिए भी है क्योंकि हमारी नीति छंटनी न करने की है। मैं छात्रों और अभिभावकों से आग्रह करता हूं कि वे विदेश और भारत में डिग्री हासिल करने के लिए भारी कर्ज लेने में सावधानी बरतें। उन्होंने आगे कहा कि हमें शिक्षा के नाम पर युवाओं को कर्ज में नहीं फंसाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकमात्र समझदारी यही है कि भावी नियोक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए धन मुहैया कराएं और उद्योग औपचारिक डिग्री मांगने के बजाय वैकल्पिक प्रमाणपत्रों को व्यापक रूप से स्वीकार करे। एक कंपनी के रूप में हम जो सबसे अ छा निवेश करते हैं वह प्रशिक्षण और कौशल विकास में है। मुझे उम्मीद है कि कंपनियां इसे व्यापक रूप से करेंगी ताकि हम युवाओं को कर्ज में न फंसा दें। जुलाई में, टीसीएस ने लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, जो उसके ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 2 प्रतिशत है, जिनमें से अधिकतर मध्यम और वरिष्ठ स्तर पर हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने 2025 तक 15,000 कर्मचारियों की छंटनी की है और एआई में 80 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। रेगुलर बैक ऑफिस टास्क, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, आईटी सहायता और ऐसी ही अन्य नौकरियां छंटनी का मुख्य लक्ष्य रहीं। जहां टीसीएस ने स्किल मिसमैच और कुछ भूमिकाओं को लागू करने में आने वाली कठिनाइयों का हवाला दिया, वहीं समय और पैमाने से संकेत मिलता है कि एआई और स्वचालन को व्यापक रूप से अपनाने के कारण छंटनी हो रही है। भारत के आईटी उद्योग संघ नैसकॉम ने भी इस बात पर जोर दिया है कि आईटी क्षेत्र एक परिवर्तनकारी मोड़ पर है और एआई-ड्रिवन बिजनेस स्किल में तत्काल अपस्किलिंग और क्रॉस-स्किलिंग की आवश्यकता पर बल दिया है।


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