भारत 2025 में खासकर टेलेंट अवेलेबिलिटी केमामले में दुनिया के टॉप 10 टेक मार्केट में शामिल होगा, जिसमें देश के टॉप छह शहर पहले से ही एशिया-पैसिफिक रीजन में तकनीकी प्रतिभा अधिग्रहण के लिए टॉप 10 की सूची में शामिल हैं। कोलियर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र एक ग्लोबल टेक टैलेंट हब के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जहां दुनिया के टॉप 10 स्थानों में से तीन भारत (बेंगलुरु), जापान (टोक्यो) और चीन (बीजिंग) में स्थित हैं। कोलियर्स के इंडिया ऑफिस सर्विसेस मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि भारत टेक टैलेंट का पावरहाउस है और ग्लोबल इनोवेशन इकोसिस्टम में एक प्रमुख प्लेयर है, जिसे देश के टीयर-वन और उभरते शहरों में कुशल प्रतिभा और रोजगार के अवसरों की उपलब्धता का समर्थन प्राप्त है। भारत के प्रमुख तकनीकी शहरों में एशिया प्रशांत क्षेत्र की कुल तकनीकी प्रतिभा का 69 प्रतिशत हिस्सा है। बेंगलुरु और हैदराबाद, जो इस क्षेत्र के सबसे बड़े प्रतिभा समूहों की मेजबानी करते हैं, टेक लीजिंग एक्टीविटी में अग्रणी बने हुए हैं और 2025 की पहली छमाही में पारंपरिक ऑफिस स्पेस की लगभग 50 प्रतिशत मांग को इन दोनों बाजारों द्वारा पूरा किया जाएगा। उनके अनुसार हाई क्वालिटी ऑफिस स्पेस की उपलब्धता, मजबूत आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और लागत प्रतिस्पर्धा के साथ, भारत के ऑफिस मार्केट, टेक्नोलॉजी-लेड ग्लोबल इकोनॉमिक विस्तार के लिए टॉप डेस्टीनेशंस में प्रमुखता से शामिल होते रहेंगे। रिपोर्ट में प्रतिभा अधिग्रहण, वेंचर कैपिटल (वीसी) फंडिंग, लेबर इंडेक्स, टैलेंट पाइपलाइन और क्षेत्र संरचना के आधार पर 200 से अधिक ग्लोबल मार्केट का विश्लेषण किया गया। भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ ग्लोबल लेवल पर भी टैक टेलेंट के लिए टॉप डेस्टीनेशंस में से एक है। रिपोर्ट में पाया कि बेंगलुरु और हैदराबाद भारत में पसंदीदा टेक डेस्टीनेशन बने हुए हैं, इसके बाद अन्य प्रमुख बाज़ार हैं, जो सभी कुशल प्रतिभाओं की उपलब्धता और एक मैच्योर टेक इकोसिस्टम वाली वैश्विक तकनीकी कंपनियों को आकर्षित करते हैं। भारत के टॉप सात शहरों में टेक्नोलॉजी सेक्टर के ऑक्यूपायर्स ऑफिस स्पेस की मांग का आधार बने हुए हैं, जिसने गत कुछ वर्षों में कन्वेंशनल और फ्लेक्स स्पेस दोनों प्रकार के स्थानों में ग्रेड ए स्थान की मांग को बढ़ावा दिया है। 2025 की पहली छमाही के दौरान, तकनीकी कंपनियों ने शीर्ष सात शहरों में एक करोड़ वर्गफुट से ज्यादा ऑफिस स्पेस लीज पर लिया, जिससे कन्वेंशनल स्पेस की मांग का 40 प्रतिशत हिस्सा हासिल हुआ। फ्लेक्स स्पेस में भी, लगभग आधी मांग तकनीकी कंपनियों से आई। ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (जीसीसी) विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट क्षेत्र में गति को आगे बढ़ा रहे हैं। इनोवेशन, मापनीयता और लागत दक्षता पर जोर देते हुए, भारत ने खुद को जीसीसी विस्तार के लिए एक ग्लोबल हब के रूप में स्थापित किया है। कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड ने कहा कि भारत वैश्विक कंपनियों, खासकर तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों के लिए एक पसंदीदा डेस्टीनेशन बना हुआ है, जहां जीसीसी ट्रेडिशनल बैक-ऑफिस कार्यों से रणनीतिक इनोवेशन हब के रूप में लगातार विकसित हो रहे हैं। 2025 की पहली छमाही में, तकनीकी व्यवसायियों ने कुल जीसीसी लीजिंग के 41 प्रतिशत हिस्से यानी 52 लाख वर्गफुट का योगदान दिया। दिलचस्प बात यह है कि बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद ने सामूहिक रूप से इस मांग में 85 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया।