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04-06-2025

डेली लाइफ में AI की बढ़ती भूमिका को लेकर इंडियंस सबसे ज्यादा के्रजी

  •  दैनिक जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की बढ़ती भूमिका को लेकर दुनिया भर में इन्डियंस सबसे ज्यादा उत्साहित हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। 17 मार्केट पर आधारित वाईओयूजीओवी सर्वे से पता चला है कि भारत में 30 प्रतिशत लोग एआई के विकास को लेकर उत्साहित हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के 27 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स एआई को लेकर आशावादी दृष्टिकोण रखते हैं। वहीं, सर्वे में 55 प्रतिशत भारतीयों ने एआई के साथ उच्च इंगेजमेंट की संभावना जताई, उसके बाद 51 प्रतिशत के साथ यूएई और 48 प्रतिशत इंडोनेशिया का स्थान रहा। इसके अलावा सर्वे में कहा गया कि दुनिया भर में केवल 16 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स एआई के भविष्य के प्रभाव को लेकर आशावादी हैं, जबकि 7 प्रतिशत कहना है कि वे उत्साहित हैं। सबसे ज्यादा आशावादी लोग हांगकांग से देखे गए हैं, जहां 33 प्रतिशत लोगों ने एआई को लेकर सकारात्मक भावनाएं व्यक्त कीं। यूएई के 21 प्रतिशत निवासी भी एआई के विकास को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित हैं। सर्वे से यह भी पता चला है कि अगले दशक में रोजमर्रा की जिंदगी में एआई की बढ़ती भूमिका के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण, आशावाद की तुलना में सतर्कता की ओर अधिक झुका हुआ है। दुनिया भर में 22 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने एआई के उदय के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता बताई। भारत में केवल 13 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने सतर्कता व्यक्त की। इसकी तुलना में 34 प्रतिशत इंडोनेशियाई , 33 प्रतिशत पोलिश, 30 प्रतिशत फ्रांसीसी, 27 प्रतिशत सिंगापुरी और 26 प्रतिशत स्पेनिश एआई को लेकर सतर्क बने हुए हैं। इस बीच ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स में से 17 प्रतिशत एआई को लेकर चिंतित महसूस करते हैं। सबसे अधिक 27 प्रतिशत फ्रांस, 26 प्रतिशत अमेरिका और 25 प्रतिशत ग्रेट ब्रिटेन के लोग एआई को लेकर चिंतित हैं। तुलनात्मक रूप से केवल 8 प्रतिशत भारतीय पार्टिसिपेंट्स ने एआई को लेकर चिंतित होने का संकेत दिया। यह डेटा 17 बाजारों में 18 वर्ष से अधिक की आयु के वयस्कों के सर्वे पर आधारित है।

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डेली लाइफ में AI की बढ़ती भूमिका को लेकर इंडियंस सबसे ज्यादा के्रजी

 दैनिक जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की बढ़ती भूमिका को लेकर दुनिया भर में इन्डियंस सबसे ज्यादा उत्साहित हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। 17 मार्केट पर आधारित वाईओयूजीओवी सर्वे से पता चला है कि भारत में 30 प्रतिशत लोग एआई के विकास को लेकर उत्साहित हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के 27 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स एआई को लेकर आशावादी दृष्टिकोण रखते हैं। वहीं, सर्वे में 55 प्रतिशत भारतीयों ने एआई के साथ उच्च इंगेजमेंट की संभावना जताई, उसके बाद 51 प्रतिशत के साथ यूएई और 48 प्रतिशत इंडोनेशिया का स्थान रहा। इसके अलावा सर्वे में कहा गया कि दुनिया भर में केवल 16 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स एआई के भविष्य के प्रभाव को लेकर आशावादी हैं, जबकि 7 प्रतिशत कहना है कि वे उत्साहित हैं। सबसे ज्यादा आशावादी लोग हांगकांग से देखे गए हैं, जहां 33 प्रतिशत लोगों ने एआई को लेकर सकारात्मक भावनाएं व्यक्त कीं। यूएई के 21 प्रतिशत निवासी भी एआई के विकास को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित हैं। सर्वे से यह भी पता चला है कि अगले दशक में रोजमर्रा की जिंदगी में एआई की बढ़ती भूमिका के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण, आशावाद की तुलना में सतर्कता की ओर अधिक झुका हुआ है। दुनिया भर में 22 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने एआई के उदय के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता बताई। भारत में केवल 13 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने सतर्कता व्यक्त की। इसकी तुलना में 34 प्रतिशत इंडोनेशियाई , 33 प्रतिशत पोलिश, 30 प्रतिशत फ्रांसीसी, 27 प्रतिशत सिंगापुरी और 26 प्रतिशत स्पेनिश एआई को लेकर सतर्क बने हुए हैं। इस बीच ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स में से 17 प्रतिशत एआई को लेकर चिंतित महसूस करते हैं। सबसे अधिक 27 प्रतिशत फ्रांस, 26 प्रतिशत अमेरिका और 25 प्रतिशत ग्रेट ब्रिटेन के लोग एआई को लेकर चिंतित हैं। तुलनात्मक रूप से केवल 8 प्रतिशत भारतीय पार्टिसिपेंट्स ने एआई को लेकर चिंतित होने का संकेत दिया। यह डेटा 17 बाजारों में 18 वर्ष से अधिक की आयु के वयस्कों के सर्वे पर आधारित है।


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